Parliament Security Breach Case: Police made a big revelation about the person who 'breached' the security of Parliament...the accused had to be 'famous'...read detailsParliament Security Breach Case
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नई दिल्ली, 17 जनवरी। Parliament Security Breach Case : 3 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर हंगामा करने की घटना को हुए 40 दिन से अधिक हो चुके हैं। इस मामले में गिरफ्तार 6 आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। उनका पॉलीग्राफी, नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी हो चुका है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि सभी आरोपी मशहूर होने के लिए ‘कुछ बड़ा’ करने की योजना में थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए। इतना ही नहीं अपने साजिश को अंजाम देने के लिए उन्होंने खुद ही पैसे एकत्र किए थे।आरोपियों को लगता था कि पुलिस गिरफ्तार करने के बाद उन्हें रिहा कर देगी, क्योंकि उनका अपराध गंभीर नहीं है।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरी साजिश का मास्टरमाइंड मनोरंजन डी है। वो सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर ‘भगत सिंह फैन क्लब’ पेज चलाता था। इसका इस्तेमाल ‘समान विचारधारा वाले’ लोगों को ‘कुछ बड़ा’ करने के लिए प्रेरित करने के लिए करता था। वो लोगों को उकसता था। मशहूर होने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाने के लिए कहता था।आरोपी पिछले चार साल से एक-दूसरे को जानते थे। उन लोगों ने संसद में हंगामे की योजना एक साल पहले बनाई थी। हालांकि, उनके फैन क्लब में हर कोई संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने जैसे आत्मघाती विचार से सहमत नहीं था।

यही वजह है कि 13 दिसंबर की साजिश को अंजाम देने से पहले ही उनके ग्रुप के कई सदस्य छोड़कर चले गए थे। मनोरंजन डी की मैसूर से भाजपा सांसद तक पहुंच थी, इसलिए उसने संसद में घुसने और स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के काम को दोहराने का फैसला किया, जो ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली विधानसभा में किया गया था। उनके पास व्यक्तिगत बैठकों को आयोजित करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं था, इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया और सिग्नल ऐप के जरिए संपर्क में रहने का फैसला किया। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने से पहले वे गुरुग्राम में विक्की शर्मा के आवास पर रुके थे।

विक्की शर्मा फेसबुक पर बने फैन क्लब के जरिए आरोपियों के संपर्क में आया था। पुलिस द्वारा पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था। जांच के दौरान संसद की दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले मनोरंजन डी और सागर शर्मा ने बताया कि पुराने संसद भवन की तुलना में नए संसद भवन में सुरक्षाकर्मी कम थे। मानसून सत्र के दौरान पुराने संसद की रेकी भी गई थी। 13 दिसंबर को 2001 के संसद में हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए। इसके बाद जमकर हंगामा किया, नारे लगाए और पीले रंग का स्प्रे किया।

दो अन्य आरोपियों शिंदे और आजाद ने भी संसद परिसर के बाहर “तानाशाही नहीं चलेगी” चिल्लाते हुए कलर स्प्रे किया। ललित झा और महेश कुमावत ने घटना के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने राजस्थान में अपने सभी साथियों के मोबाइल फोन नष्ट कर दिए। सभी 6 आरोपियों पर दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट द्वारा कड़े यूएपीए और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है। पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने उनके कृत्य के सटीक कारण का पता लगाने के लिए गुजरात में उनके पॉलीग्राफ, नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराया था।

हाई कोर्ट ने खारिज की नीलम आजाद की याचिका

दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार आरोपी नीलम आजाद की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने इस आधार पर रिहाई की मांग की थी कि उसकी पुलिस रिमांड अवैध है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

न्यायमूर्ति मनोज जैन ने कहा, “याचिकाकर्ता ने पहले ही ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर कर दी है। वर्तमान याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, इसलिए खारिज कर दी जाती है।” नीलम के वकील ने तर्क दिया कि पुलिस हिरासत संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है।

इस केस की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि उनके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का ऐसा कोई आधार नहीं बनता है।ट्रायल कोर्ट ने नीलम आजाद को 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा है। 21 दिसंबर को ट्रायल कोर्ट ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार नीलम समेत चार आरोपियों की पुलिस हिरासत 5 जनवरी तक बढ़ा दी थी। दरअसल, 13 दिसंबर 2023 को संसद में हंगामे की आरोपी नीलम के परिजनों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करके इस केस की एफआईआर की कॉपी मांगी थी। इसके साथ ही नीलम को उसके वकील और परिजनों से मिलने की इजाजत भी मांगी गई थी।

सीआरपीएफ डीजी की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी

बताते चलें कि संसद में हंगामे की आरोपी नीलम हरियाणा के जींद के घासो खुर्द गांव की रहने वाली है। वो खुद को सोशल एक्टिविस्ट बताती है। उसके फेसबुक प्रोफाइल देखने पर यही पता चलता है कि वो अलग-अलग विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रही है। कुछ समय पहले तक हिसार के रेड स्क्वायर मार्केट के पीछे स्थित पीजी में रहकर सिविल सर्विस तैयारी कर रही थी। 25 नवंबर को घर जाने की बात कहकर पीजी से चली गई थी। उसके साथ पीजी में रहने वाली लड़कियों का भी कहना था कि उसकी रुचि राजनीति में बहुत ज्यादा रहती है। इस केस की जांच के लिए सीआरपीएफ (Parliament Security Breach Case) डीजी अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है।