गया, 03 दिसम्बर|Pax Election : बिहार के गया में आयोजित पितृपक्ष मेला में ऐसी मान्यता है कि मृत पितृ यहां पिंडदान लेने आते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि यहां मृतकों ने चुनाव में मतदान भी किया है। आम मतदाताओं से कहीं ज्यादा लोकतंत्र के महापर्व में मृतकों ने मतदान कर इसमें अपनी भूमिका निभाई है।
यह जानकर थोड़ी हैरानी होगी लेकिन यह सच (Pax Election)है। गया जिले में 5 चरणों में पैक्स चुनाव होना है। बोधगया प्रखंड के मोचारिम पंचायत में पैक्स चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया।
क्या है पूरा मामला?
पैक्स चुनाव में काफी संख्या में मृतकों ने बढ़-चढकर मतदान में हिस्सा लिया है। अब यह बात उजागर हो रही है कि पैक्स चुनाव के मतदान के दिन मोचारिम पंचायत के बड़की बभनी गांव में ऐसे कई मृत मतदाताओं के नाम सामने आए हैं जिनमें किसी की 10 महीने पहले मौत हो गई है तो कई लोगों की 15 साल पहले ही मौत हो चुकी है।
यह जानकारी उनके परिजनों को तब लगी जब वह मतदान केंद्र पर मतदान करने (Pax Election)पहुंचे। उन्होंने देखा कि उनके मृत के नाम के आगे मतदान करने का सही निशान लगा है। तब उन्हें जानकारी हुई कि मृतकों के नाम से भी मतदान किया गया है।
वोटर लिस्ट में 100 से अधिक मृतकों के नाम
मतदान केंद्र पर मतदान के लिए पहचान पत्र की जरूरत पड़ती है अब ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि किस पहचान पत्र के आधार पर मृतकों ने मतदान किया (Pax Election)है। गांव के ही राम प्रसाद मांझी, अर्जुन मांझी सहित 100 से अधिक मृतकों का नाम मतदाता सूची में शामिल हैं और ऐसे मतदाताओं ने मतदान भी किया हैं।
मृतक अर्जुन मांझी की मां कारी देवी ने बताया कि उसके बेटे की मौत हो गई थी। उसने बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिखाया। उसे मतदान केंद्रों पर ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि उसके बेटे के नाम पर भी मतदान कर दिया गया है। यह जानकर वह खुद हैरान है।