Photo Controversy : कोरबा में फोटो विवाद…! Ex MLA जयसिंह अग्रवाल ने राज्यपाल और कलेक्टर पर साधा निशाना…कलेक्टर ने भेजा नोटिस…यहां पढ़ें

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कोरबा, 16 जुलाई। Photo Controversy : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में राज्यपाल रमेन डेका के दौरे के दौरान खींची गई एक तस्वीर ने राजनीतिक हलकों में बवाल खड़ा कर दिया है। इस तस्वीर में पूर्व गृहमंत्री व वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर खड़े नजर आ रहे हैं, जबकि राज्यपाल रमेन डेका और कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। इस फोटो को पूर्व विधायक जयसिंह अग्रवाल ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर तीखी टिप्पणी की, जिसे लेकर अब राजनीतिक और प्रशासनिक टकराव गहराता जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

पूर्व विधायक जयसिंह अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर इस फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा, छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान बहुत ही कष्टप्रद है। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर खड़े हैं, जबकि महामहिम राज्यपाल और कलेक्टर बैठे हुए हैं। यह जान और देख कर अत्यंत पीड़ा हुई।” उनकी इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर तेजी से साझा किया जाने लगा, जिससे मामला तूल पकड़ गया।

कलेक्टर ने भेजा नोटिस

कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने इस वायरल पोस्ट को ‘दुर्भावनापूर्ण और भ्रामक’ बताते हुए पूर्व विधायक को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया:

  • यह तस्वीर उस समय की है जब ननकीराम कंवर किसी ज्ञापन या दस्तावेज के साथ कुछ क्षणों के लिए खड़े हुए थे।
  • बैठक के प्रारंभ में उन्हें विधिवत अभिवादन किया गया था और वह अपनी निर्धारित सीट पर बैठे थे।
  • पोस्ट को सोच-समझकर सामाजिक तनाव और प्रशासन के प्रति असंतोष फैलाने की मंशा से डाला गया है।

कलेक्टर ने साफ चेतावनी दी है कि यदि पोस्ट तत्काल डिलीट नहीं की गई, तो भारतीय दंड संहिता के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक निहितार्थ और आदिवासी सम्मान की बहस

यह विवाद आदिवासी नेतृत्व और संवेदनशीलता से जुड़ा होने के कारण और अधिक संवेदनशील बन गया है। ननकीराम कंवर छत्तीसगढ़ के सबसे वरिष्ठ आदिवासी नेताओं में से एक हैं, और उनके सम्मान को लेकर सोशल मीडिया में कई लोग पूर्व विधायक के समर्थन में और कई उनके विरोध में प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

पूर्व विधायक का पक्ष

जयसिंह अग्रवाल ने अब तक इस संबंध में कोई पोस्ट डिलीट (Photo Controversy) नहीं की है, न ही किसी कानूनी चेतावनी पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी है। हालांकि उनके समर्थकों का कहना है कि उन्होंने जो कहा, वह एक सामाजिक असंतुलन की ओर संकेत है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।