इस्लामाबाद, 15 मई। PM ki Kartut : पाकिस्तान एक बार फिर अपनी फितरत के मुताबिक दुनिया को भ्रमित करने की कोशिश में लगा है। भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से चार दिनों तक की गई करारी जवाबी कार्रवाई के बाद भी पाकिस्तानी नेतृत्व इसे अपनी “जीत” बता रहा है।
भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के भीतर घुसकर वहां के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। अमेरिकी मीडिया और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने सैटेलाइट तस्वीरों के ज़रिए इस कार्रवाई की पुष्टि भी की है। इन तस्वीरों में पाकिस्तान के कई सैन्य अड्डों को नुकसान पहुंचने के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं। इसके बावजूद, पाकिस्तान अपनी जनता और दुनिया के सामने एक अलग ही कहानी गढ़ने की कोशिश कर रहा है।
शरीफ का ‘विजय भाषण’ महज स्टंट

बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सियालकोट स्थित पसरूर छावनी परिसर में सैनिकों को संबोधित करते हुए यह दावा कर डाला कि पाकिस्तान ने 1971 की जंग का बदला ले लिया है। यह वही छावनी है जिसे भारत ने हाल की जवाबी कार्रवाई में निशाना बनाया था।
अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने कहा, “आपने 1971 की हार का बदला ले लिया है। आज पूरा देश आपके साथ खड़ा है।”
इसके साथ ही उन्होंने भारत को गीदड़भभकी भी दी और कश्मीर मसले पर एक बार फिर बातचीत की पेशकश कर डाली। साथ ही पानी के बंटवारे को लेकर भी पुरानी रट लगाई।
किताबों में लिखेगा सेना की ‘बहादुरी’ के किस्से
इस दौरान पाकिस्तान के एयर चीफ और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ समेत दूरे सैन्य अधिकारी मौजूद थे। शहबाज शरीफ ने इस दौरान कई बार नौटंकी करते नजर आए। उन्होंने टैंक के ऊपर ही असीम मुनीर और एयर मार्शल बाबर की पीठ ठोकी, तो सेना के अधिकारी उन्हें सैल्यूट दागते नजर आए ।
अपने भाषण में शरीफ ने पाकिस्तानी सेना की खूब तारीफ की। उन्होंने शेखी बघारते हुए कहा कि दुश्मन हमसे कई गुना बड़ा था लेकिन आपने उन्हें निरूत्तर कर दिया है। हालांकि शरीफ ने अपने पूरी भाषण में इंडियन स्ट्राइक से हुए नुकसान की चर्चा नहीं की। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी सेना की बहादुरी पर आने वाले दिनों में कई किताबें लिखी जाएगी और इस पर रिसर्च किया जाएगा।
शहबाज शरीफ ने कहा कि, “मुझे बतौर वजीर-ए-आजम पाकिस्तान आपके नेतृत्व पर गर्व है। जंग के दौरान मैंने एक लम्हें के लिए भी इनके चेहरे पर शिकन नहीं देखी। जब भी दुश्मन आगे बढ़ने की बात करता था, तो हमारे सेना के प्रमुख मुझसे कहते थे कि क्या मैं इसका इस तरह से जवाब दूं… ये वो दास्तान है, जुर्रत और बहादुरी की जो कभी मुझे मौका मिला तो मैं रिटायर होने के बाद अपनी किताब में लिखूंगा। लेकिन आज आपने पाकिस्तान का सिर ऊंचा कर दिया है।”
अमेरिकी और अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया के विश्लेषणों में भारत की कार्रवाई को आत्मरक्षा और जवाबी कार्रवाई करार दिया गया है। जबकि पाकिस्तान के दावे, कि उन्होंने 1971 की हार का बदला ले लिया, न केवल ऐतिहासिक तथ्यों से परे हैं, बल्कि दुनिया की नजरों में हास्यास्पद भी लग रहे हैं।
आंतरिक दबाव में बौखलाहट
पाकिस्तान एक बार फिर वास्तविकता से आंख मूंदे हुए प्रचार युद्ध में लगा है। जबकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम और तैयार है। शहबाज शरीफ का यह बयान भले ही आंतरिक राजनीति के लिए हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह पाकिस्तान की छवि को और कमजोर करता है।