जबलपुर, 5 दिसंबर। Police Brutality : जिस लाडली बहना योजना ने बीजेपी को भारी बहुमत से जीत दिलाई, अब उन्हीं लाडली बहनों की दुर्दशा हो रही है। दरअसल, चोरी के आरोप में पुलिसवालों ने थाने में महिला की पीट-पीटकर अधमरा कर दी है। हालांकि महिला के खिलाफ अपराध साबित नहीं हुआ है। पुलिस ने महज शक के आधार पर न सिर्फ उसकी पिटाई की बल्कि उसके कपड़े उतरवाकर उसे मारा। इससे महिला के शरीर के कई हिस्सों पर गंभीर चोटें आईं। मामले के सामने आने के बाद एक महिला पुलिस कर्मी को लाइन अटैच किया गया है।
दो दिन तक करते रहे मारपीट
यह पूरी घटना जबलपुर के ओमती थाने का हैं। 4 दिसम्बर को एक दलित महिला मंजू बंशकार को पूछताछ के लिए लाया जाता है। थाने की महिला से पूछताछ के नाम पर पुलिस उसे बेरहमी से मार कर अधमरा कर दिया। घटना की जानकारी के लगने के बाद आधी रात को बंशकार समाज के लोग थाने का घेराव कर दिया। साथ ही पुलिस के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करने लगे।
ओमती थाने की महिला पुलिस ने दो दिन तक दलित महिला के साथ थाने में पूछताछ के नाम पर मारपीट की है। सोमवार की शाम जब थाने से महिला घर पहुंची तो उसकी हालत ख़राब थी। उसके शरीर पर मारपीट के निशान थे। पूछने पर पता चला कि पुलिस ने चोरी के सम्बन्ध में पूछताछ कर उसके साथ मारपीट की है।
रातभर थाने में होता रहा हंगामा
दलित महिला के साथ थाने में बर्बरता पूर्वक मारपीट की घटना सामने आने के बाद बंशकार समाज के लोग पीड़ित महिला को थाने लेकर पहुंचे। बंशकार समाज के लोगो ने दोषी महिला पुलिस कर्मी पर कार्यवाही करने की मांग करने लगे। पुलिस ने लोगो को समझया की इसमें जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जायेगी।
महिला एसआई को किया लाईन अटैच
पुलिस के आला अधिकारियों ने दलित महिला की थाने में पिटाई मामले में सब इंस्पेक्टर सरिता पंच को लाईन अटैच कर दिया है। पुलिस थाने में दलित महिला को बेरहमी से पीटे जाने पर दोषी पुलिसकर्मी पर की गई कार्यवाही। थाने में महिला को बेरहमी से पीटे जाने की घटना सामने आने के बाद पुलिस की थू थू हो रही है।
पीटने के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल ले गई पुलिस
दलित महिला मामले में पुलिस अपनी नाक बचाने के लिए पीड़ित महिला को उपचार के शहर के एक निजी अस्पताल भेजती है। अस्पताल प्रबंधन पुलिस केस देखकर उसका इलाज करने से मना कर देते है। अस्पताल प्रबंधन पीड़ित महिला के परिजनों से कहते है की पहले शासकीय अस्पताल में महिला को लेकर जाओ। शासकीय अस्पताल जब निजी अस्पताल के लिए रिफर करेगा तभी महिला का इलाज किया जाएगा। पीड़ित महिला के परिजन भी पुलिस से निवेदन कर रहे थे की पहले शासकीय अस्पताल में उसका मुलाहिजा कराया जाए। जबकि पुलिस मामले को दबाने के उद्देश्य से महिला को निजी अस्पताल भेज दिया था।
ये है पूरा मामला
मंजू बंशकार सिविक सेंटर में स्तिथ समदड़िया होटल में काम करती है। कुछ दिन पहले वहां एक कार्यकम के दौरान एक महिला का नेकलेस गिर गया। हार की कीमत 4 लाख रुपए की बताई गई। काफी खोजबीन करने के बाद भी नेकलेस नहीं मिला। आखिरकार नेकलेस गुम होने की शिकायत ओमती थाने की गई। पुलिस ने नेकलेस के सम्बन्ध में पूछताछ के लिए होटल के गार्ड और महिला मंजू वंशकार को थाने में बुलाया था। सूत्र बताते है की दो दिन से होटल के गार्ड और मंजू वंशकार से पूछताछ की जा रही थी। इसी दौरान महिला को बेरहमी से पीटा (Police Brutality) गया।