राजनांदगांव, 02 जुलाई। Police Credibility : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पुलिस विभाग की साख को झकझोर देने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। लालबाग थाना में पदस्थ आरक्षक महेंद्र साहू ने शराब के नशे में पहले डायल 112 के ड्राइवर की बेरहमी से पिटाई कर दी और फिर जिला अस्पताल में साथी आरक्षक प्रभात तिवारी पर बेल्ट से हमला कर दिया। जवाब में प्रभात तिवारी ने तड़ातड़ 8 थप्पड़ रसीद कर दिए। पूरी घटना अस्पताल के CCTV कैमरे में कैद हो गई है।
घटना का क्रम कुछ इस प्रकार रहा
- महेंद्र साहू, जो लालबाग थाना में आरक्षक के पद पर पदस्थ है, सोमवार को शराब के नशे में सिविल ड्रेस में ड्यूटी पर पहुंचा।
- थाने में घुसते ही उसने अपने साथियों से गाली-गलौज और बदसलूकी शुरू कर दी।
- इसी दौरान किसी बात को लेकर डायल 112 के ड्राइवर से विवाद हुआ, जिसे महेंद्र ने बुरी तरह पीट दिया।
- ड्राइवर ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद साथी पुलिसकर्मी महेंद्र को मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल लेकर गए।
बेल्ट से हमला और थप्पड़ों की बारिश
- अस्पताल में मेडिकल से पहले आरक्षक प्रभात तिवारी किसी से फोन पर बात कर रहे थे।
- तभी पास में खड़े महेंद्र ने अचानक बेल्ट निकाली और प्रभात पर वार कर दिया।
- मौके पर मौजूद एक अन्य पुलिसकर्मी ने तुरंत महेंद्र को पकड़ लिया।
- इसके बाद CCTV फुटेज में साफ दिखाई देता है कि प्रभात तिवारी ने पहले महेंद्र को दो घूंसे मारे, फिर गुस्से में 8 थप्पड़ जड़ दिए।
- फुटेज में प्रभात तिवारी यह कहते हुए भी दिखाई देते हैं: “कुछ नहीं कर पाएगा, कुछ नहीं कर पाएगा।”
क्या होगी कार्रवाई
- महेंद्र साहू पर अब विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। नशे में ड्यूटी करना, सहकर्मियों के साथ मारपीट करना और अनुशासनहीनता गंभीर आरोप हैं।
- वहीं प्रभात तिवारी की कार्रवाई को सेल्फ डिफेंस और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास माना जा रहा है, लेकिन विभाग पूरे मामले की जांच करेगा।
एसपी ने लिया एक्शन
जिला अस्पताल परिसर में पुलिस आरक्षक महेंद्र साहू ने प्रधान आरक्षक प्रभात तिवारी के साथ मारपीट की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद एसपी मोहित गर्ग ने आरोपी आरक्षक महेंद्र साहू को निलंबित कर दिया और पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।

CCTV बना गवाह
इस पूरी घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि CCTV कैमरे (Police Credibility) न केवल आम जनता के लिए, बल्कि पुलिस विभाग के भीतर भी पारदर्शिता लाने का माध्यम बन चुके हैं। वीडियो के सामने आने के बाद अब कार्रवाई टालना संभव नहीं रहेगा।