Political War : PCC चीफ दीपक की कुर्सी छीन के अपने आदमी बैठाएंगे…! भाजपा ने कार्टून पोस्टर जारी कर कांग्रेस पर साधा निशाना…यहां देखें

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रायपुर, 27 अगस्त Political War : छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों कांग्रेस की आंतरिक खींचतान चर्चा का विषय बनी हुई है। पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में दिए गए बयान के बाद शुरू हुई राजनीतिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रही। अब इस मामले में भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है और सोशल मीडिया पर व्यंग्यात्मक कार्टून पोस्टर जारी कर कांग्रेस की गुटबाजी पर करारा तंज कसा है।

क्या है भाजपा का पोस्टर संदेश?

भाजपा द्वारा जारी कार्टून में कांग्रेस पार्टी को आंतरिक संघर्ष, गुटबाजी और नेतृत्व की खींचतान में उलझी हुई दिखाया गया है। पोस्टर में बड़ी लाइन लिखी गई है, “कांग्रेस में मची है रार… एक-दूसरे को ही निपटाने कर रहे तकरार!”

पोस्टर में कांग्रेस नेताओं को कुर्सी के लिए खींचतान करते हुए दर्शाया गया है, और नेतृत्व को लेकर भ्रम का माहौल दिखाया गया है।

चौबे के बयान से शुरू हुआ विवाद

पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे ने भूपेश बघेल को लेकर बयान दिया था कि, “बघेल को नेतृत्व करना चाहिए।” इस बयान को लेकर कांग्रेस के भीतर ही भिन्न मत उभर आए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि “पार्टी से ऊपर कोई नहीं है।” इसके बाद से यह साफ हो गया कि कांग्रेस में संगठनात्मक मतभेद सतह पर आ चुके हैं।

भाजपा ने चौबे के बयान को कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाज़ी का प्रतीक बताते हुए कहा, कांग्रेस जनता का मुद्दा छोड़कर कुर्सी की लड़ाई में उलझी है। जिस पार्टी में आपसी विश्वास ही नहीं, वो राज्य की जनता का क्या नेतृत्व करेगी? भाजपा के मीडिया सेल ने कहा कि यह पोस्टर सिर्फ कटाक्ष नहीं, बल्कि कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का चित्रण है।

सार्वजनिक तकरार का लिया रूप

राज्य में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस में संघर्ष और आत्मथन जारी है, लेकिन अब वह सार्वजनिक तकरार का रूप लेता जा रहा है। भाजपा इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। चुनाव से पहले इस तरह के दृश्य न केवल कांग्रेस की साख पर असर डालते हैं, बल्कि जनता के सामने पार्टी की एकता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करते हैं।

चौबे का बयान (Political War) अब सिर्फ एक बयान नहीं रहा, वह भाजपा के लिए हथियार बन गया है। कांग्रेस को जहां अपने अंदरूनी मतभेदों को सुलझाने की जरूरत है, वहीं भाजपा अब प्रचार युद्ध में बढ़त लेने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।
पोस्टर वॉर शायद एक शुरुआत है, आने वाले दिनों में यह राजनीतिक वार-पलटवार का नया ट्रेंड बन सकता है।