नई दिल्ली, 22 अप्रैल। Politics on National Herald : नेशनल हेराल्ड केस को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। मंगलवार को बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और साथ ही कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को भी करारा जवाब दिया।
बांसुरी स्वराज ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर हो रही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचीं। इस दौरान वह एक खास बैग लेकर आईं, जिस पर साफ-साफ लिखा था – “नेशनल हेराल्ड की लूट”।
प्रियंका गांधी के ‘फिलिस्तीन बैग’ का जवाब?
बांसुरी स्वराज का यह कदम कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के उस बैग के जवाब के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने ‘फ्री फिलिस्तीन’ लिखा संदेश लेकर बैठक में शिरकत की थी। उस घटना ने पहले ही राजनीतिक हलकों में बहस को जन्म दे दिया था, और अब बांसुरी के इस बैग ने इस बहस को नया मोड़ दे दिया है।
बांसुरी स्वराज का बयान
“यह पहली बार है जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, मीडिया, में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र कांग्रेस की वर्षों पुरानी कार्यशैली और विचारधारा को बेनकाब करता है। सेवा की आड़ में वे सार्वजनिक संस्थानों का दुरुपयोग कर निजी संपत्ति बनाते रहे हैं।”
क्या है ‘नेशनल हेराल्ड मामला’
‘नेशनल हेराल्ड केस’ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गांधी परिवार और कांग्रेस से जुड़े नेताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यंग इंडिया नामक कंपनी के जरिए नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ी करोड़ों की संपत्तियों का गलत तरीके से अधिग्रहण किया। इस मामले में ईडी ने हाल ही में ₹752 करोड़ की संपत्ति जब्त की है।
राजनीतिक निहितार्थ
बीजेपी का कहना है कि बांसुरी स्वराज का प्रतीकात्मक विरोध कांग्रेस की “भ्रष्ट परंपरा” पर करारा प्रहार है। कांग्रेस की ओर से अभी इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंदरूनी हलकों में इसे “राजनीतिक नाटक” करार दिया जा रहा है।
बैठकों में बैगों पर लिखे संदेश अब सिर्फ सामान ले जाने का ज़रिया नहीं, बल्कि राजनीतिक विचारधारा और बयानबाज़ी का नया मंच बन चुके हैं। बांसुरी स्वराज और प्रियंका गांधी के बैग राजनीतिक लड़ाई का नया रूप हैं – प्रतीकों की लड़ाई।