मथुरा, 17 अप्रैल। Premanand Maharaj : मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के सामने हाल ही में एक ऐसा ही मामला आया, जिसने कई लोगों को आत्मचिंतन के लिए विवश कर दिया। दरअसल हुआ यूं कि प्रेमानंद महाराज के सामने एक शख्स पहुंचा और बताया कि वह समलैंगिक है. शख्स ने दावा किया कि उसके अब तक करीब 150 से ज्यादा पुरुषों के साथ संबंध बन चुके हैं और वो अब परेशान है, ऐसे में क्या करे? मालूम हो कि प्रेमानंद महाराज ने न केवल खुले मन से इस विषय को सुना, बल्कि एक ऐसा उत्तर भी दिया जो करुणा, विवेक और अध्यात्म से परिपूर्ण था। खबर में आगे जानिए प्रेमानंद महाराज ने ऐसा क्या कहा, जिसकी अब खूब चर्चा है।
करुणा, विवेक और अध्यात्म से परिपूर्ण उत्तर
शख्स के सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा, “वैसे ये कोई छिपाने या शर्माने का विषय नहीं है। जैसे हम डॉक्टर के सामने अपनी हर कमी रखते हैं, ऐसे ही हम संतों के सामने अपनी बात रख सकते हैं। हमें ये लगता है कि तुम्हारे ऊपर भगवान की विशेष कृपा है।
क्योंकि त्रिभुवन में जब-जब जहां-जहां जिसने साधना की है, तो उसको स्त्री से मुंह की खानी पड़ी है। शास्त्रों में इसका बहुत वर्णन है। तुम्हारा स्त्री की तरफ स्वाभाविक आकर्षण नहीं है। थोड़ा विवेक से सोचो। आपने ऐसा किया तो क्या मिला आपको? केवल डर और चिंता मिली और कोई सुख तो मिला नहीं। तो मुझे लगता है कि यदि आप थोड़ा भगवन नाम का जप करें और इसे कंट्रोल करें तो आप बहुत उत्तम मनुष्य बन सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “काम भोग जो सृष्टि में रखा गया है, ये सृष्टि क्रम को बढ़ाने के लिए है। स्त्री और पुरुष का जो सहयोग विधान शास्त्र है, वो वो संतान उत्पत्ति के लिए है, न कि मनोरंजन के लिए. तभी शरीर सेहतमंद रहता है। मुझे लगता है कि अगर आप थोड़ा विचारवाहन बन जाएं और आध्यात्म की शरण लेकर इसके शासन में लें, तो आप बहुत अच्छे बन सकते हैं।”