बालोद, 21 दिसंबर। Pressure to Convert : बालोद जिले के अर्जुंदा थाना क्षेत्र में पत्नी द्वारा मतांतरण का दबाव बनाए जाने से परेशान युवक के आत्महत्या कर ली। उसने अपने कमरे की दीवार पर सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें पत्नी के साथ अच्छे संबंध नहीं होने, पत्नी, सास-ससुर और अन्य पर मतांतरण का दबाव बनाने की बात लिखी है। उसने बीते आठ दिसंबर को भी पुलिस में इस आशय की शिकायत की थी।
मायके वालों पर लगाया आरोप
आत्महत्या करने वाला 35 वर्षीय गजेंद्र उर्फ सूरज देवांगन मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता था। उसके पिता का आरोप है कि बहू ने मायके पक्ष के कुछ लोगों के दबाव में ईसाई धर्म को अपना लिया। बहू और उनके मायके वाले अक्सर उनके बेटे से विवाद करते थे। घर की दीवारों पर लिखे शुभ-लाभ या भगवान के नामों पर पोताई कर उसे मिटा दिया था। इससे उनका बेटा अक्सर परेशान रहता था।
पुलिस मामले की जांच कर रही
एसडीओपी देवांश राठौर ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। पखवाड़े भर में मतांतरण का दबाव नहीं सह पाने से राज्य में आत्महत्या किए जाने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले सात दिसंबर को धमतरी के अर्जुनी थाना क्षेत्र के ग्राम पोटियाडीह में युवक ने इसी तरह के आरोप लगाकर आत्महत्या की थी। पुलिस ने उसकी पत्नी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
बहू ने 16 माह की 7 बार छोड़ा घर
पुलिस ने 35 वर्षीय गजेंद्र के कमरे को सील कर दिया है और घटना की जांच में जुट गई है। इससे पूर्व मृतक युवक ने थाने में लिखित शिकायत करते हुए लिखा है कि मैं गजेंद्र देवांगन पिता चंद्रशेखर देवांगन जो कि अर्जुंदा के वार्ड-11 में निवासरत हूं, मेरी पत्नी राकेश्वरी देवांगन जो कि आए दिन मुझसे वाद विवाद करती है। परिवार वालों का कहना है कि 16 माह में बहु सात बार घर छोड़ कर जा चुकी है। इस दौरान बच्चे खाना खाने अपनी दादी के पास आते थे। मूल धर्म को नहीं छोड़ना चाहता था बेटा, बहू बनाती थी दबाव मृतक के पिता चंद्रशेखर देवांगन जो कि हालर मिल का संचालन करते हैं।
बच्चों को छोड़कर बार-बार मायके चली जाती है, और वह ईसाई धर्म को अपना चुकी है, जिसको लेकर मुझे आपत्ति है, जिसकी सूचना दे रहा हूं, जिसपर उचित कार्रवाई की जाए। वहीं युवक गजेंद्र ने आत्महत्या करने से पहले कमरे की दीवार में प्रकाश देवांगन पिता कन्हैय्या देवांगन द्वारा उससे पैसे लेने और पैसे वापस नहीं करने व पत्नी, सास-ससुर और साले के द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
2012 में हुई थी शादी
रोते बिलखते पिता ने बताया कि 2012 में उसके बेटे की शादी हुई थी। बीते 16 माह से उसका बेटा, बहु और दो बच्चों (एक नौ और एक आठ साल) के साथ हमसे अलग हालर मिल से लगे वाले मकान में रह रहे थे। क्योंकि उनका आये दिन झगड़ा होता था, बहु ने ईसाई धर्म को मानना शुरू कर दिया था। बेटा उसके खिलाफ था, बहू आये दिन मेरे बेटे को मूल धर्म छोड़ ईसाई धर्म अपनाने कहती थी। बहू चारामा निवासी गोपी देवांगन और माहुद निवासी नरसिंह देवांगन के संपर्क में लगातार थी। इन्ही दोनों के कहने पर ईसाई धर्म अपनाई है।