नई दिल्ली, 01 जून। Price of LPG Cylinder : आज, 1 जून 2025 से भारत में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं, जो आम आदमी से लेकर कारोबारियों तक को राहत देंगे। इन बदलावों से आम जनता और व्यवसायों को राहत मिलेगी। हालांकि, कुछ नियमों पर आपत्तियां भी उठाई गई हैं, लेकिन इनका उद्देश्य व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता लाना है।
1. कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमत में ₹24 की कमी
तेल विपणन कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल LPG सिलेंडर (Price of LPG Cylinder) की कीमत में ₹24 की कमी की घोषणा की है। अब यह सिलेंडर ₹1,723.50 में मिलेगा, जो पहले ₹1,747.50 का था। यह कदम छोटे व्यवसायों और रेस्टोरेंट्स के लिए राहत का कारण बनेगा। वहीं दूसरी ओर कंपनियों ने 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है।
2. हवाई यात्रा के ईंधन (ATF) की कीमतों में 1.5% की कमी
विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) की कीमतों में 1.5% की कमी की गई है। अब यह ₹90,455.47 प्रति किलोलीटर हो गई है। इससे हवाई यात्रा की लागत में कमी आने की संभावना है, जिससे टिकटों की कीमतों में भी गिरावट हो सकती है। दरअसल, ऑयल मार्केट कंपनियों ने LPG Price Cut के साथ ही हवाई ईंधन यानी एयर टर्बाइन फ्यूल के दाम में भी कटौती की है।
3. महाराष्ट्र में सहकारी हाउसिंग सोसाइटियों के लिए नए नियम लागू
महाराष्ट्र सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 के तहत नए नियम लागू किए गए हैं। इनमें मेंटेनेंस शुल्क की समान दर, ऑनलाइन बैठकों की कानूनी मान्यता, और पुनर्विकास प्रक्रियाओं में सुधार जैसे प्रावधान शामिल हैं। हालांकि, कुछ सोसाइटियों ने इन नियमों पर आपत्ति जताई है, लेकिन इनका उद्देश्य संचालन में पारदर्शिता और मानकीकरण लाना है।
4. डेरिवेटिव्स के एक्सपायरी दिन मंगलवार और गुरुवार तक सीमित
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने डेरिवेटिव्स के एक्सपायरी दिन को मंगलवार और गुरुवार तक सीमित कर दिया है। यह कदम निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इससे अत्यधिक सट्टेबाजी को नियंत्रित किया जा सकेगा।
5. महाराष्ट्र में सहकारी हाउसिंग सोसाइटियों के लिए नए नियम लागू
महाराष्ट्र सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 के तहत नए नियम लागू किए गए हैं। इनमें मेंटेनेंस शुल्क की समान दर, ऑनलाइन बैठकों की कानूनी मान्यता, और पुनर्विकास प्रक्रियाओं में सुधार जैसे प्रावधान शामिल हैं। हालांकि, कुछ सोसाइटियों ने इन नियमों पर आपत्ति जताई है, लेकिन इनका उद्देश्य संचालन में पारदर्शिता और मानकीकरण लाना है।
6. Mutual Fund का नियम में बदलाव
जून महीने के पहले दिन से म्यूचुअल फंड से जुड़ा एक नियम भी बदलने (Mutual Fund Rule Change) जा रहा है। बता दें कि मार्केट रेग्यूलेटर सेबी (SEBI) ने ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स के लिए नया कट-ऑफ टाइम लागू किया है और यह 1 जून से प्रभावी होने वाला है। अब से ऑफलाइन ट्रांजैक्शन के लिए समय 3 PM और ऑनलाइन के लिए 7 PM से होगा। इसके बाद किए गए ऑर्डर अगले वर्किंग डे पर माने जाएंगे।
7. EPFO 3.0 रोलआउट
सरकार ईपीएफओ का नया वर्जन EOFO 3.0 लॉन्च करने की योजना बना रही है और इसे जून में ही पेश किए जाने की तैयारी है। इसके लॉन्च होने के बाद आपका पीएफ क्लेम (PF Claim) बहुत ही आसान होने वाला है और इसके साथ ही अब ईपीएफओ मेंबर्स एटीएम मशीन (ATM) और यूपीआई (UPI) के जरिए पीएफ के पैसों की निकासी करने में भी सक्षम होंगे। इसके लॉन्च होने के बाद देश के 9 करोड़ से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
8. Credit Card से जुड़े नियम
बात करें,स पांचवें बड़े बदलाव के बारे में तो ये क्रेडिट कार्ड यूजर्स से जुड़ा हुआ है। अगर आप कोटक महिंद्रा बैंक का कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो फिर आज 1 जून 2025 से आपके लिए नियम बदल रहे हैं। बैंक वेबसाइट के मुताबिक, इस बैंक के क्रेडिट कार्ड यूजर का Auto Debit Transaction अगर फेल होता है, तो बैंक की ओर से 2 फीसदी का बाउंस चार्ज लागू किया जा सकता है। ये न्यूनतम 450 रुपये और अधिकतम 5000 रुपये हो सकती है। इसके अलावा पहली तारीख से बैंक के ज्यादातर क्रेडिट कार्ड पर मंथली फाइनेंस चार्ज में इजाफा हो सकता है। इसे फिलहाल लागू 3.50 फीसदी (42% वार्षिक) से बढ़कर 3.75 फीसदी (45% वार्षिक) तक किया जा सकता है।
9. आधार कार्ड सहित इनमें भी बड़े बदलाव लागू
June 2025 का महीना आधार कार्ड यूजर्स से लेकर एफडी निवेशकों के लिए भी खास है। इस महीने होने वाले अन्य बदलावों पर बात करें, तो UIDAI द्वारा आधार यूजर्स को फ्री आधार कार्ड अपडेट की डेडलाइन (Free Aadhaar Update Deadline) इसकी महीने की 14 तारीख को खत्म हो रही है और फिर इस काम के लिए 50 रुपये का तय शुल्क चुकाना होगा।
इसके अलावा कई बैंक जून में फिक्स्ड डिपॉजिट और लोन की ब्याज दरों में (Price of LPG Cylinder) बदलाव कर सकते हैं, क्योंकि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाया है। तो वहीं UPI को लेकर NPCI ने नया नियम लागू कर रही है, जिसके तहत UPI पेमेंट करते वक्त यूजर को सिर्फ ‘Ultimate Beneficiary’ यानी असली रिसीवर का बैंकिंग नाम ही दिखेगा। QR कोड या एडिट किए गए नाम अब नहीं दिखेंगे। ये नियम 30 जून तक सभी UPI ऐप्स को लागू हो सकता है।