बिलासपुर, 27 दिसंबर। Principal Murder : बिलासपुर जिले में स्कूल के प्राचार्य पर धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई। लाश सूने मकान में खून से लथपथ मिली है और पास ही खून से सना एक तवा भी मिला है। पूरा मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
मिली जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम मनोज कुमार चंद्राकर है। वह चिल्हाटी स्थित हाउंसिग बोर्ड कॉलोनी निवासी थे। जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा विकासखंड के डोंगरी स्कूल में प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत थे।
दो दिन से घर पर पड़ी थी प्राचार्य की लाश
एडिशनल एसपी उड्डयन बेहार ने बताया कि गुरुवार की देर शाम उनकी पत्नी घर पहुंची, तब दरवाजा खुला था और कमरे में उसकी लाश पड़ी थी। शव पुराना होने के कारण तेज बदबू आ रही थी। मोपका चौकी प्रभारी संजीव ठाकुर ने सरकंडा टीआई निलेश पांडेय सहित अफसरों को इस घटना की जानकारी दी।
प्राचार्य की पत्नी और बच्चे परिचित के यहां गए हुए थे। दो दिन से उनकी पत्नी उनके मोबाइल पर कॉल कर रही थी, लेकिन कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे। गुरुवार की सुबह भी उन्हें कॉल किया। फोन रिसीव नहीं होने से परेशान होकर उनकी पत्नी अपने भाई को लेकर शाम को घर पहुंची, तब घटना की जानकारी हुई।
सिर पर चोट के निशान
एएसपी बेहार ने जांच के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ ही फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की टीम को भी बुलाया। मृतक के सिर में चोट के निशान मिले हैं, जिसके कारण खून लगा हुआ था। वहीं, घर पर सामान भी अस्त-व्यस्त बिखरे पड़े थे। पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में फोरेंसिक और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ने जांच की।
संपत्ति बेच कर बनाया था मकान
पूछताछ में पता चला है कि मृतक मनोज चंद्राकर ने गांव की अपनी संपत्ति बेचकर चिल्हाटी के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान बनाया था। यहां अपने परिवार के साथ रहते थे। कुछ दिन पहले ही वो पत्नी और बच्चों को बलौदा के जर्वे गांव छोड़कर आया था। पुलिस से घटना की सूचना मिलने के बाद पत्नी और बच्चे बिलासपुर पहुंचे।
दो दिन पहले आखिरी बार देखे थे पड़ोसी
पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की, तब पता चला कि बीते 24 दिसंबर को पड़ोसियों ने उन्हें आखिरी बार देखा था, जिसके बाद पड़ोसियों ने उन्हें बाहर निकलते नहीं देखा। पुलिस उनके परिचित और करीबियों से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा
एएसपी उड्डयन बेहार ने बताया कि शव मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। 24 दिसंबर के बाद से मृतक का किसी से कोई संपर्क नहीं था। लाश पुरानी होने की आंशका है। यह कितनी पुरानी है और मौत कैसी हुई, यह पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। घटना कैसे हुई और किसने इसे अंजाम दिया। यह जांच के बाद ही पता चलेगा।