रायपुर, 19 जुलाई। Public Confidence Bill : छत्तीसगढ़ में व्यापारियों और आम नागरिकों को बड़ी राहत देने वाला जनविश्वास विधेयक शुक्रवार को विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। इस विधेयक के जरिए राज्य सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कई कठोर कानूनों को व्यावहारिक और संवेदनशील नीति में बदलने का निर्णय लिया है।
क्या है जनविश्वास विधेयक?
इस विधेयक का उद्देश्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देना है। इसमें ऐसे कई प्रावधानों को संशोधित किया गया है, जो छोटी तकनीकी गलतियों को भी आपराधिक श्रेणी में लाकर आम लोगों को अवांछित मुकदमों में फंसा देते थे।
सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने पर अब जेल नहीं
अब छत्तीसगढ़ में पहली बार सार्वजनिक स्थान पर शराब पीते पकड़े जाने पर केवल जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा पकड़े जाने पर जुर्माना के साथ जेल की सजा भी हो सकती है। यह बदलाव छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम, 1915 में किया गया है।
किराया वृद्धि की सूचना नहीं देने पर अब सिर्फ जुर्माना
मकान मालिक द्वारा किराया वृद्धि की जानकारी नगरीय प्रशासन को न देना अब आपराधिक अपराध नहीं रहेगा। इसके बजाय अब 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
सोसायटी और सहकारी संस्थाओं के लिए भी राहत
वार्षिक प्रतिवेदन दाखिल करने में देरी पर अब आपराधिक मामला नहीं होगा। इसके बदले नाममात्र का जुर्माना लगेगा, खासकर महिला समूहों के लिए जुर्माना और भी कम रखा गया है। गलती से “सहकारी” शब्द का उपयोग करने पर अब कोई दंडात्मक मुकदमा नहीं, सिर्फ प्रशासनिक आर्थिक दंड।
किन कानूनों में हुए बदलाव?
जनविश्वास विधेयक के तहत 8 अलग-अलग अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन अधिनियम
- नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम
- सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम
- छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम
- छत्तीसगढ़ सहकारिता सोसायटी अधिनियम
- और छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम, 1915
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे “विकसित भारत – विकसित छत्तीसगढ़” की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह विधेयक राज्य को मध्यप्रदेश के बाद देश का दूसरा ऐसा राज्य बनाता है, जिसने भारतीय न्याय संहिता की तर्ज पर जनविश्वास विधेयक को अपनाया है।”
क्या होंगे इसके फायदे?
- छोटे उल्लंघनों पर अब आपराधिक मुकदमा नहीं, सिर्फ जुर्माना लगेगा
- न्यायालयों पर बोझ कम होगा
- व्यापारियों और उद्यमियों को भयमुक्त वातावरण मिलेगा
- महिला स्व-सहायता समूहों और सोसायटी को अतिरिक्त राहत
- आम नागरिकों को व्यवसाय या जीवन के छोटे तकनीकी अपराधों पर राहत मिलेगी
जनविश्वास विधेयक (Public Confidence Bill) छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सहूलियत, कानूनी सहजता और नागरिक भरोसे को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। यह कानून अब छोटे-बड़े सभी व्यवसायों, मकान मालिकों, सोसायटियों और आम लोगों के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है, जहां नियम कठोर नहीं, संवेदनशील और व्यावहारिक होंगे।