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सूरत, 05 अप्रेल। Punishment Digambar Jain Muni Shantisagar Maharaj : 19 साल की एक लड़की से रेप मामले में दिगंबर जैनमुनि शांतिसागर महाराज को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। सूरत की सेशन कोर्ट ने शांतिसागर महाराज को शुक्रवार को रेप मामले में दोषी करार दिया था। आज इस मामले में सजा का ऐलान किया गया|

क्या है पूरा मामला?

साल 2017 में 19 साल की श्राविका (महिला जैन साधक) के साथ दिगंबर जैनमुनि ने रेप किया था। इस मामले में वह शुक्रवार को दोषी करार दिए गए (Punishment Digambar Jain Muni Shantisagar Maharaj)थे। आज उनकी सजा का ऐलान किया गया, जिसमें शांतिसागर को 10 साल की सजा सुनाई गई है।

साल 2017 में जैनमुनि सूरत के नानपुर स्थित उपाश्रय में निवास कर रहे थे। तभी उनको गुरु मानने वाली मूलतः मध्यप्रदेश में रहने वाली 19 वर्षीय युवती और उसके परिवार को शांतिसागर में बड़ी आस्था थी। शांतिसागर ने पूजा विधि के बहाने सूरत उपाश्रय में उन्हें बुलाया था।

रात को परिवार उपाश्रय में ही ठहरा था। इस दौरान रात साढ़े 9 बजे के करीब शांतिसागर, युवती को पूजा के बहाने अपने रूम में बुलाता है और परिवार के लोगों को रूम के बाहर खड़े रहने को बोलता है। इसी दौरान युवती को पूजा के बहाने डरा-धमकाकर उसके साथ रेप किया गया था।

समाज में इज्जत न जाए, इसलिए परिवार पहले तो चुप रहा लेकिन बाद में दूसरी युवतियों के साथ ऐसा नहीं हो, ये सोचकर परिवार ने घटना के 13 दिन बाद सूरत के अथवालाइंस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जैनमुनि शांतिसागर को गिरफ्तार कर लिया।

वाट्सऐप पर मंगवाई थी पीड़िता की नग्न तस्वीर

पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया था कि जैनमुनि ने घटना के कुछ दिन पहले फोन पर बातचीत कर पूजा विधि के लिए पीड़िता की निर्वस्त्र तस्वीर भी मंगवाई (Punishment Digambar Jain Muni Shantisagar Maharaj)थी। वे कहते थे कि पूजा के लिए ऐसी तस्वीर की जरूरत पड़ती है।

रेप का आरोप लगने के बाद सूरत की अथवालाइंस पुलिस ने शांतिसागर को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह लगातार सूरत की लाजपोर जेल में न्यायिक हिरासत में था। चार्जशीट पेश होने के बाद से मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी।

वकील ने क्या बताया?

सूरत के सरकारी वकील नयन सुखड़वाला ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने 33 गवाहों को पेश किया। मेडिकल जांच, फॉरेंसिक रिपोर्ट समेत सभी दस्तावेजी सबूत पेश कर आरोपों को साबित करने में सफलता मिली। आज सूरत सेशन कोर्ट ने आरोपी जैनमुनि शांतिसागर को 10 साल की सजा के साथ 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

पीड़िता जैनमुनि शांति सागर को अपना गुरू मानती (Punishment Digambar Jain Muni Shantisagar Maharaj)थी। गुरू का स्थान माता-पिता से भी ऊंचा होता है। गुरू का काम अपने शिष्यों को ज्ञान देना होता है लेकिन पाखंडी दिगंबर जैनमुनि ने अपने ही शिष्य का रेप कर उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी और गुरू के नाम को भी बदनाम कर दिया।