Ragging with a Child: Delhi Public School's misdeeds... made a 6-year-old child lick his shoes after spitting on them... locked him in the bathroom... hung him upside down... slapped him... did not leave a single opportunity to humiliate him... listen to the innocent child hereRagging with a Child
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आगरा, 07 मार्च। Ragging with a Child : दयालबाग स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में छह साल के एक बच्चे के साथ रैगिंग के नाम पर न केवल मारपीट की गई बल्कि उसे जूते उठवाए गए। थूक कर जूते चटवाए गए। यही नहीं, स्कूल के बाथरूम में बंद भी किया गया। स्कूल से घर आते समय बस के अंदर उसे चांटे लगवाए। उस बच्चे को अन्य बच्चों के सामने अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई।

इसका नतीजा यह है कि यह मासूम पिछले एक माह से ट्रोमा में है। प्री नर्सरी क्लास के छह वर्षीय इस मासूम बच्चे के साथ यह सब कुछ स्कूल के ही एक बच्चे ने किया है जो कक्षा दो का छात्र है। प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ़ पेरेंट्स अवेयरनेस (टीम पापा) ने स्कूल प्रबंधन पर पल्ला झाड़ने का आरोप लगाते हुए आज यह मुद्दा मीडिया के सामने उठाया। इधर डीपीएस के प्रबंध निदेशक सुनील अग्रवाल ने इस आरोप को नकारते हुए कहा है कि उऩ्होंने कड़ा एक्शन लिया है। जांच भी करा रहे हैं, लेकिन आरोप लगाने वाले बुलाने के बाद भी सामने नहीं आ रहे।

नींद में बड़बड़ाने पर परिवार को पता चला

बच्चे के पिता ने बताया कि बच्चे को एक माह पहले बुखार आना शुरू हुआ। वह अचानक से कांपने लगता था। हमने आगरा के कई डॉक्टरों को दिखाया और कई चेकअप भी करवाये। जांचों में किसी भी प्रकार की कोई नेगेटिव रिपोर्ट नहीं आई। पिता ने बताया , एक सप्ताह पहले बच्चा नींद में बड़बड़ाने लगा कि वह मुझे मारेगा। इस पर हमने अगले दिन परिवार के सदस्यों को बुलाकर उन सभी के सामने बच्चे को प्यार और दिलासा देकर पूछा तब हमें मालूम पड़ा कि स्कूल में ही पढ़ रहे कक्षा दो के छात्र ने उनके बच्चे की जबरदस्त रैगिंग की है जिसकी वजह से उसने सामान्य बच्चों जैसा व्यवहार करना छोड़ दिया है।

बच्चे की मां ने बताया कि तीन दिन पहले स्कूल की बस आने पर हमने बच्चों से पूछा कि कौन सा बच्चा है हमें दिखाओ तो हमारे बच्चे ने डरते-डरते एक बच्चे की तरफ उंगली उठाई। इसको देख अन्य बच्चे भी सहमे हुए नजर आने लगे और बताने लगे कि हां इसके साथ यह यह सब किया गया है। जब इस विषय में बात की तो स्कूल ने किसी भी तरह की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया।

मानसिक ट्रॉमा में है मासूम

पापा संस्था के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सिंह सरीन ने बताया कि इस स्कूल के खिलाफ पूर्व से ही कई शिकायतें लंबित हैं। बच्चा एक महीने से मानसिक ट्रॉमा में है। उन्होंने कहा कि स्कूल में जाने के बाद घर तक आने तक बच्चे की पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होती है। स्कूल अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने एसीपी को सौंपी जांच

टीम पापा के सदस्य इस मामले को लेकर पुलिस उप आयुक्त संजीव त्यागी से मिले तो उन्होंने गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से एसीपी लोहामंडी को जांच एवं कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए। मिलने वालों में टीम पापा की ओर से भारत भूषण गुंबर, सुमित सक्सेना, ज्योति मौर्या, राजीव, मनोज गोयल, कंचन शर्मा आदि मौजूद रहे।

डीपीएस आगरा के प्रबंध निदेशक सुनील अग्रवाल से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दो दिन पहले जैसे ही उन्हें इस घटना की टेलीफ़ोन पर जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से बस की अटेंडेंट को निलंबित करते हुए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। उन्हें बताया गया कि छह साल के बच्चे के साथ यह व्यवहार बस में आते-जाते समय हुआ, इसलिए अटेंडेंट को सस्पेंड किया है।

अभिभावक नहीं आ रहे है स्कूल

उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा शिकायतकर्ता बच्चे के अभिभावकों को लगातार फ़ोन कर बुलाया जा रहा है पर वे आने को तैयार नहीं हैं। जिस आठ साल के बच्चे पर आरोप लगाया जा रहा है, उसके अभिभावक भी इस मामले में आमने-सामने बैठकर बात करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक उनके पास लिखित शिकायत भी नहीं आई है। टेलीफोनिक शिकायत पर ही उन्होंने कार्रवाई की है। कमेटी से जांच भी करा रहे हैं।