नई दिल्ली, 24 जुलाई। Rahat Budget : मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट का पिटारा खुल चुका है। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया। इस बजट को आर, आर, आर भी का जा सकता है। यानी रोजी, रोटी और राजनीति। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया। 1 घंटे 23 मिनट के भाषण में उनका फोकस शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवाओं पर रहा। इसके अलावा नीतीश कुमार के बिहार और चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश पर केंद्र सरकार मेहरबान रही।
दरअसल, इस बजट में बीजेपी के सहयोगी दलों की बल्ले बल्ले हुई है। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इतनी सीट नहीं मिल पाई थी कि वो अपने बूते सरकार बना ले। इस बार की सरकार एनडीए की सरकार है और बिहार की पार्टी जेडीयू और आंध्र प्रदेश की पार्टी टीडीपी, बीजेपी के सबसे बड़े सहयोगी दल हैं। दोनों ही सहयोगी अपने अपने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। विशेष दर्जा तो नहीं मिला लेकिन आंध्र प्रदेश और बिहार को बजट में सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई है। इतनी तवज्जो कि विपक्षी दलों ने भी इसे लेकर कटाक्ष किया है।
बजट की 10 बड़ी बातें
- न्यू टैक्स रिजीम में राहत. अब 3 से 7 लाख की इनकम पर 5% टैक्स।
- कैंसर की दवा, सोना-चांदी, मोबाइल फोन, बिजली के तार और एक्सरे मशीन सस्ती।
- पहली नौकरी वालों के लिए EPFO में 15 हजार रुपये की मदद।
- देशभर के संस्थानों में एजुकेशन लोन मिलेगा और एजुकेशन लोन पर 3% ब्याज सरकार देगी।
- बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज का ऐलान. बिहार को 58.9 हजार करोड़ रुपये. आंध्र प्रदेश को 15 हज़ार करोड़ रुपये. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए विशेष स्कीम।
- एग्रीकल्चर के लिए ₹1.52 लाख करोड़ रुपये। हालांकि बजट में MSP पर कोई ऐलान नहीं किया गया।
- हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नटशिप।
- महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान।
- सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट हर महीने फ्री बिजली।
- मुद्रा लोन 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया।
बजट में बिहार को ये मिला
कई विकास परियोजनाओं की घोषणा करते हुए सीतारमण ने बिहार में विभिन्न परियोजनाओं के लिए कुल 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय का प्रस्ताव रखा, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं आंध्र प्रदेश की राजधानी के विकास के लिए इस वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये, जो मुख्यमंत्री नायडू का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है।
बिहार को नई सड़क-पुल के लिए 26 हजार करोड़ रुपये दिया गया है। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे बनेगा। बोधगया, वैशाली और दरभंगा को भी एक सड़क परियोजना से जोड़ा जाएगा। साथ ही बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का एक पुल बनाया जाएगा। बिहार के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपये की लागत से 2400 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगाया जाएगा। बाढ़ से निपटने और राहत के लिए 11,500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. पर्यटन के नक्शे पर बिहार को आगे लाने के लिए महाबोधि मंदिर और विष्णुपद मंदिर कॉरीडोर बनाया जाएगा। राजगीर को भी ग्लोबल टूरिज्म के लिए विकसित करेंगे। नालंदा विश्वविद्यालय को टूरिज्म सेंटर की तरह आगे लाएंगे।
आंध्र प्रदेश को मिलीं ये सौगात
आंध्र प्रदेश में विशेष राज्य का मुद्दा अभी भी जिंदा है। भले की राज्य की ये मांग पूरी न हो सकी, लेकिन मोदी सरकार ने टीडीपी को बजट में कई बड़े तोहफे दिए हैं। आंध्र प्रदेश को नई राजधानी के लिए फंड, अमरावती के लिए के 15,000 करोड़ रुपये, 3 ज़िलो को पिछड़ा क्षेत्र फंड, रायलसीमा, प्रकाशम, उत्तर आंध्र को पैसा, पोलावरहम सिंचाई प्रोजेक्ट पर ज़ोर, पोलावरम प्रोजेक्ट के लिए फंड और विशाखापट्नम-चेन्नई इंडिस्ट्रयल कॉरिडोर की सौगात मिली है।