नई दिल्ली, 7 अगस्त। Rahul Gandhi : लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर राहुल गांधी की सांसदी दोबारा से बहाल कर दी है। वायनाड से सांसद राहुल की लोकसभा सदस्यता मार्च 2023 में खत्म कर दी गई थी। उन्हें मोदी सरनेम मामले में दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद दो साल की सजा होने की वजह से संसद से उनकी सदस्यता निलंबित कर दी गई। हालांकि, चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने का फैसला दिया।
मोदी उपनाम’ टिप्पणी मामले में शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिल गई। सर्वोच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश जारी कर उनकी सजा पर रोक लगा दी। इस फैसले के बाद सोमवार को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी बहाल कर दी।
इस बीच हमें यह भी जानना जरूरी हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल को सांसदी के अलावा क्या-क्या मिलेगा? राहुल को सांसदी मिलने के बाद राहुल को अपना बंगला कब मिलेगा? सांसद के रूप में वेतन कितना होगा? क्या उनके स्टाफ में भी कुछ बदलेगा? जानते हैं।
राहुल को सांसदी के अलावा क्या-क्या मिलेगा?
2024 लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे?
सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल को मिली राहत फौरी है। कोर्ट ने मामले को खारिज नहीं किया गया, बल्कि सजा पर रोक लगाई है। अब मामले में नए सिरे सुनवाई होगी। अगर ऊपरी कोर्ट भी राहुल को इस मामले में दो साल की सजा सुनाता है तो राहुल चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे। वहीं, कोर्ट से बरी होने या दो साल से कम सजा मिलने पर राहुल चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, ये फैसला कब तक आएगा ये देखना होगा। ऐसा भी हो सकता है कि कोर्ट का फैसला 2024 के चुनाव के बाद आए। ऐसे में राहुल 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं।
सरकारी बंगला वापस मिलेगा
राहुल की सांसदी वापस आने से दिल्ली में मिला उन्हें आधिकारिक 12, तुगलक लेन निवास दोबारा मिल सकता है। नियम के मुताबिक, उन्हें टाइप-VII आवास आवंटित हो सकता है। दरअसल, वर्तमान में आठ तरह के सरकारी आवासों की श्रेणियां हैं यानी एक से आठ। केंद्रीय मंत्रियों को टाइप-VIII आवास मिलता है जो सबसे बड़ी श्रेणी है। टाइप-V और टाइप-VII आवास लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को आवंटित किए जाते हैं। बाकी अन्य श्रेणियों के आवास शासकीय कर्मियों को आवंटित किए जाते हैं। राहुल गांधी संसद में तीन बार कार्यकाल पूरा कर चुके हैं इसलिए वह टाइप-VII बंगले के लिए पात्र हैं।
27 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक अपना आधिकारिक आवास खाली करने को कहा था। इसके बाद कांग्रेस नेता ने 22 अप्रैल को अपना आधिकारिक बंगला खाली कर दिया था। बंगला खाली करते वक्त उन्होंने कहा था कि यह सच बोलने के लिए चुकाई गई कीमत है। इसके बाद राहुल 10 जनपथ पर अपनी मां के आवास पर रहने आ गए। अभी भी वह अपनी मां के साथ रह रहे हैं।
प्रति माह 1 लाख रुपये का वेतन
राहुल गांधी सांसदी बहाल होते ही अन्य सांसदों को दिए जाने वाले विभिन्न भत्तों के साथ सहायक, ड्राइवर जैसी सेवाओं का लाभ उठाने के पात्र होंगे। दरअसल, संसद सदस्यों को प्रति माह एक लाख रुपये की दर से वेतन मिलता है। कार्य पर निवास की किसी भी अवधि के दौरान प्रत्येक दिन के लिए दो हजार रुपये की दर से भत्ता भी दिया जाता है।
अन्य भत्ते
- यात्रा भत्ता
- तत्कालीन यात्राओं के लिए यात्रा भत्ता
- ट्रांजिट आवास
- रेलवे द्वारा निःशुल्क परिवहन
- सदस्यों के लिए यात्रा सुविधाएं
- कुछ परिस्थितियों में हवाई यात्रा की सुविधा
- एक सत्र की समाप्ति और दूसरे सत्र के प्रारंभ आदि के बीच छोटे अंतराल के दौरान भत्ते।
- निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और सुविधाएं
- पेंशन
विदेश यात्रा के होंगे हकदार
संसद सदस्य को विदेश यात्रा के लिए भी भत्ते दिए जाते हैं। यदि कोई सांसद ऐसे सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में भारत से विदेश यात्रा करते हैं, वह ऐसी यात्रा के लिए यात्रा और अन्य भत्ते का हकदार होंगे। इसके साथ ही इनके विदेश यात्रा के लिए कुछ प्रोटोकाल भी तय हैं। सभी सांसदों को किसी भी विदेश यात्रा से तीन सप्ताह पहले विदेश मंत्रालय को सूचित करना होता है और राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है, साथ ही उन्हें विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर विवरण पोस्ट करना होता है।
ऐसी होगी राहुल की सुरक्षा
देश में विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों की जिंदगी और उनकी सुरक्षा के खतरे के स्तर को देखते हुए उन्हें अलग-अलग प्रकार की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय, इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के परामर्श पर हर वर्ष कई महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा में समीक्षा करता है और खतरे के स्तर को देखते हुए सुरक्षा श्रेणी स्तर में बदलाव करता है।
राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। जेड प्लस सुरक्षा, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद देश की दूसरी सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। यह सुरक्षा उच्च जोखिम वाले वीवीआईपी लोगों को दी जाती है। इस श्रेणी के सुरक्षा दस्ते में 36 जवान शामिल होते हैं। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो होते हैं। इनके अलावा आईटीबीपी, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के कमांडो और राज्य पुलिस के जवान शामिल होते हैं। प्रत्येक कमांडो मार्शल आर्ट और बिना हथियार के युद्ध में माहिर होता है। एनएसजी कमांडो के पास मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण होते हैं। साथ ही काफिले में जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है।