रायपुर, 03 जुलाई। Raipur Bribery Case : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के नाम पर करोड़ों की रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने तीन वरिष्ठ डॉक्टरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है, जबकि सीबीआई ने कुल छह लोगों को एक जुलाई को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
ब्लैकलिस्ट किए गए डॉक्टर
- डॉ. चैत्रा एमएस- एसोसिएट प्रोफेसर, श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु
- डॉ. मंजप्पा सीएन- प्रोफेसर और एचओडी (ऑर्थोपेडिक्स), मांड्या इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कर्नाटक
- डॉ. अशोक शेल्के- सदस्य, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग
अन्य गिरफ्तार आरोपी
- सतीशा एए- निजी चिकित्सक
- अतुल कुमार तिवारी- निदेशक, श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च
- रविचंद्रन केएफ- डॉ. चैत्रा के पति
रिश्वत की रकम और कार्रवाई:
सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए 1.62 करोड़ रुपये की डील तय हुई थी। निरीक्षण से ठीक पहले डॉ. मंजप्पा ने अपने साथी डॉ. सतीशा एए को हवाला के जरिए 55 लाख रुपये लेने का निर्देश दिया था।
सीबीआई ने बेंगलुरु में जाल बिछाकर एक जुलाई को इस रकम को बरामद किया।
- 16.62 लाख रुपये डॉ. चैत्रा के पति रविचंद्रन केएफ से
- 38.38 लाख रुपये सतीशा एए से बरामद हुए।
सीबीआई की तफ्तीश
जांच में खुलासा हुआ कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एनएमसी की टीम को रिश्वत देकर निरीक्षण से पहले ही उनके आने की जानकारी हासिल कर ली थी। इसके बाद घोस्ट फैकल्टी, नकली मरीज, और फर्जी उपस्थिति जैसी तरकीबों से निरीक्षण को अनुकूल दिखाया गया।
अदालत की कार्रवाई
सभी आरोपियों को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की रिमांड पर भेजा गया है। वहीं, श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज की आगामी सत्र की मान्यता प्रक्रिया को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल (Raipur Bribery Case) ने इस कार्रवाई को भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है और आगे भी जहां गड़बड़ी होगी, कार्रवाई होती रहेगी।