नई दिल्ली, 13 जुलाई। Rajya Sabha Breaking : केंद्र ने पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और कसाब मामले में पूर्व विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल देवराव निकम को राज्यसभा के लिए नामित किया है, जिससे संसद के उच्च सदन में दो हाई-प्रोफाइल सदस्य शामिल हो गए हैं। रविवार को एक सरकारी अधिसूचना के माध्यम से इसकी आधिकारिक घोषणा की गई।
1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी श्रृंगला इससे पहले बांग्लादेश में उच्चायुक्त के पद पर भारत के राजदूत रह चुके हैं। वे जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक विदेश सचिव रहे और कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के राजनयिक परिदृश्य को संभाला।
मनोनीत सदस्य
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 जुलाई 2025 को चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को अनुच्छेद 80(1)(a) अनुसार राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया है:
- उज्ज्वल निकम – सुप्रसिद्ध क्रिमिनल लॉयर, खासकर 26/11 मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब के मामले में विशेष सार्वजनिक अभियोजक के रूप में जाना जाता हैं।
- हर्षवर्धन श्रृंगला – पूर्व विदेश सचिव, जिनका भारत की विदेश नीति और राजनयिक सेवा में लंबा अनुभव है।
- डॉ. मीनाक्षी जैन – इतिहास की जानी-मानी शख्सियत और दिल्ली विश्वविद्यालय में रही इतिहास की प्रोफेसर।
- सी. सदानंदन मास्टर – केरल के शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता, जिन्होंने राजनीतिक हिंसा का सामना करते हुए शिक्षा और समाज सेवा में सक्रिय योगदान दिया है।
संवैधानिक आधार एवं प्रक्रिया
- ये नियुक्तियाँ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) एवं (3) के तहत राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्ति का प्रयोग करते हुए की गई हैं, जो साहित्य, कला, विज्ञान, सामाजिक सेवा आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वालों को राज्यसभा में भेजने का अधिकार देती है।
- ये चार नामांकन उन सीटों के खाली होने पर किए गए हैं जिन्हें सेवानिवृत्त नामांकित सदस्यों ने छोड़ा था।
- आधिकारिक सूचना गैज़ेट द्वारा 12 जुलाई 2025 को जारी की गई थी।
प्रत्येक सदस्य की पृष्ठभूमि
| सदस्य | क्षेत्र और योगदान |
|---|---|
| उज्ज्वल निकम | उच्च‑प्रोफाइल आपराधिक मामलों के अभियोजक; 1993 बॉम्ब ब्लास्ट, कसाब, आदि; पद्मश्री प्राप्त 2016 में। |
| हर्षवर्धन श्रृंगला | भारत के विदेश सचिव, G20 समन्वयक, कई प्रमुख राजदूत पद। |
| डॉ. मीनाक्षी जैन | प्रख्यात इतिहासकार, भारतीय सभ्यता व संस्कृति पर लेखन व योगदान। |
| सी. सदानंदन मास्टर | केरल में शिक्षा-समाज सेवा के लिए सक्रिय; राजनीतिक हिंसा पीड़ित; सामाजिक सुधार के लिए प्रेरणास्रोत। |
संभावित प्रभाव
इन नामांकनों से कानून, कूटनीति, शिक्षा, सामाजिक सेवा और अकादमिक क्षेत्रों की अनुभवी आवाज़ संसद में आएगी। निर्णय प्रक्रिया में विशेषज्ञों की भागीदारी से नीति निर्माण व समीक्षा (Rajya Sabha Breaking) में नई दिशा की उम्मीद है।