लखनऊ, 27 फरवरी। Rajya Sabha Election : यूपी की 10 सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को अपने ही विधायकों से झटका लगा है। कारण, सपा के 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी उम्मीदवारों को समर्थन दे दिया। वहीं एक विधायक वोटिंग से नदारद रहीं, जिसका नुकसान भी सपा को हुआ। इन्हीं 7 विधायकों में एक राकेश प्रताप सिंह ने क्रॉस वोटिंग करने के बाद कहा कि सपा ने जिन तीन प्रत्याशियों को उतारा है, वो हमारे कार्यकर्ता नहीं है।
सपा के बागी विधायक राकेश प्रताप सिंह ने एक चैनल को कहा कि मैंने और 6 विधायकों ने मिलकर बीजेपी को वोट किया है। महाराजी देवी स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते नहीं आ सकीं। जिन 3 प्रत्याशी को सपा की तरफ से उतरा गया, वह हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं। सड़क पर कार्यकर्ता जूझता है और सदन दूसरे को भेजा जाता है। 21 साल से मैं पार्टी में हूं। मुलायम सिंह की राह पर चला, अखिलेश को समझा, लेकिन अभी पार्टी वो नहीं रही। आगे की राह जो होगी, सो तय होगा। हम सातों ने अपना मत बीजेपी को मिलकर दिया है।
बता दें कि सपा अपने तीनों उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही थी, लेकिन इस बीच सपा के सात विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ के समर्थन में मतदान कर दिया। सपा के चीफ व्हिप रहे मनोज पांडेय और राकेश पांडेय के साथ ही राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया। वहीं सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की पत्नी मतदान करने नहीं पहुंचीं।
क्रॉस वोटिंग के बाद कैसे बदला नंबर गेम?
बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास कुल मिलाकर आठ उम्मीदवारों की जीत के लिए जरूरी प्रथम वरीयता के 296 वोट के मुकाबले 286 विधायकों का समर्थन था। इनमें से ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के एक विधायक अब्बास अंसारी जेल में हैं।ऐसे में एनडीए का संख्याबल 285 रह गया। राजा भैया की पार्टी के दो विधायकों ने भी बीजेपी को वोट किया, जिससे पार्टी के प्रथम वरीयता के वोट 287 पर पहुंच गए। अब सपा के सात विधायकों (Rajya Sabha Election) के क्रॉस वोटिंग करने से बीजेपी के प्रथम वरीयता वाले वोट 294 पहुंच गए।