रायपुर, 04 जून। Rationalization : राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण के नाम पर व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितताएं सामने आई हैं। शिक्षकों के स्थानांतरण और समायोजन की प्रक्रिया में बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी), डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) और जेडी (जोनल डायरेक्टर) अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं।
भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के प्रमुख बिंदु
- रिश्वतखोरी: अतिशेष सूची से नाम हटाने के लिए बीईओ और डीईओ द्वारा एक से डेढ़ लाख रुपये तक की रिश्वत मांगी जा रही है।
- अतिशेष सूची में गड़बड़ियां: कंप्यूटर से तैयार की गई अतिशेष सूची में सीनियर शिक्षकों को नीचे और जूनियर को ऊपर दिखाने की गड़बड़ी पाई गई है, जो मैन्युअल हस्तक्षेप का संकेत देती है।
- नियमों की अवहेलना: युक्तियुक्तकरण के नियमों में दावा-आपत्ति का प्रावधान न होने और गंभीर बीमारियों का उल्लेख न होने से प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है।
- सारंगढ़ में गड़बड़ी: सारंगढ़ के डीईओ ने पुराने शिक्षकों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रोबेशन पूरा कर चुके शिक्षकों को नियमित नहीं किया, जिससे नए शिक्षकों के लिए अवसर सीमित हो गए।
- वीडियो निगरानी का ढोंग: डीपीआई ने काउंसलिंग के दौरान कैमरे की निगरानी का निर्देश दिया था, लेकिन बीईओ और डीईओ ने पहले ही अतिशेष सूची में गड़बड़ी कर दी थी, जिससे कैमरा निगरानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
आगामी कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीईओ और डीईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन भी शामिल हो सकता है। अभी सस्पेंशन से युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में विघ्न पड़ सकता है, इसलिए कार्रवाई बाद में की जाएगी। इस मामले की जानकारी जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार तक पहुंची है, और कई विधायकों ने इस पर चिंता जताई है।
शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया
शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने युक्तियुक्तकरण की (Rationalization) नीति को अव्यवहारिक और शिक्षकों को परेशान करने वाला बताया है। उन्होंने कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर इस नीति को वापस लेने की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे। यह स्थिति राज्य के शिक्षा तंत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की गंभीरता को उजागर करती है। शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए यह समय है कि वे अपनी आवाज उठाएं और इस प्रक्रिया में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाएं।