Rationalization Breaking : बिग ब्रेकिंग…! युक्तियुक्तकरण पर CM साय का आया बयान…छत्तीसगढ़ में शिक्षक और विद्यार्थियों का अनुपात…?

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कानपुर, 27 मई। Rationalization Breaking : छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए युक्तियुक्तकरण (रैशनलाइजेशन) की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा में इस पहल की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, जहां देश में 26 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक है, वहीं छत्तीसगढ़ में यह अनुपात 21 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक है।

शिक्षा की गुणवत्ता हो रही है प्रभावित

हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ स्कूलों में शिक्षक और विद्यार्थियों का अनुपात असंतुलित है। कई स्थानों पर 4-5 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक है, जबकि कुछ स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी है। इसलिए, युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत ऐसे स्कूलों का चिन्हांकन किया जा रहा है, जहां शिक्षक की आवश्यकता है, और शीघ्र ही शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी।

इस पहल से शिक्षा का स्तर सुधरेगा और सभी स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षकों की व्यवस्था के साथ ही अधोसंरचना विकास पर भी काम किया जा रहा है। इससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा, और ऐसे स्कूलों में भी शिक्षक मिल जाएंगे, जहां शिक्षकों की कमी की वजह से शिक्षा प्रभावित हो रही है।

हालांकि, इस फैसले को लेकर शिक्षक संघों में नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि कुछ प्राइमरी स्कूलों में 5 क्लास के लिए सिर्फ दो ही शिक्षक रह जाएंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा पर असर पड़ेगा। इसके अलावा, पहले से 57,000 से ज्यादा शिक्षक पद खाली हैं, प्रमोशन नहीं हुआ है, और नई भर्ती नहीं हो रही है।

पेरेंट्स एसोसिएशन का समर्थन

वहीं, पेरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि गांवों के सुनसान स्कूलों में पढ़ाई ठप थी, जबकि शहरों में शिक्षक खाली बैठ रहे थे। युक्तियुक्तकरण से हर स्कूल में कम-से-कम दो-तीन शिक्षक होंगे, मिड-डे मील और क्लासरूम की देख-रेख बेहतर होगी।

कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे ‘स्कूल बंद करने की साजिश’ करार दिया है। उनका कहना है कि बिना किसी बातचीत के हजारों स्कूलों को बंद और रिक्त पदों को खत्म करना धोखाधड़ी है।

दूसरी ओर, प्रदेश में शिक्षकों द्वारा युक्तियुक्तकरण के खिलाफ मंत्रालय का घेराव किए जाने की घोषणा ने शिक्षा क्षेत्र में बहस छेड़ दी है। शिक्षकों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण से उनके कार्यस्थल पर अस्थिरता पैदा हो रही है, जबकि सरकार इसे बच्चों के हित में एक ज़रूरी कदम मान रही है।

इस पहल से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था (Rationalization Breaking) में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी पक्षों की सहमति और सहयोग आवश्यक है।