रायपुर, 01 जून। Rationalization Process : छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश में 5000 शिक्षकों की चरणबद्ध भर्ती की घोषणा की है। यह भर्ती युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के बाद की जाएगी, जिसके तहत शिक्षकों और शालाओं का तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है।
युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य है कि सभी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो, कोई स्कूल शिक्षकविहीन न रहे। जिन स्कूलों में छात्र कम हैं और शिक्षक अधिक, वहां से शिक्षकों को जरूरतमंद स्कूलों में स्थानांतरित किया जा रहा है। इससे शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों को लाभ मिलेगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के प्रयास
वर्तमान में प्रदेश की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक और 13,149 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। हालांकि अभी भी 212 प्राथमिक और 48 पूर्व माध्यमिक स्कूल शिक्षकविहीन हैं, और 6,872 स्कूलों में केवल एक शिक्षक कार्यरत हैं।
166 स्कूलों का समायोजन प्रस्तावित है, जिनमें छात्र संख्या बहुत कम है और नजदीक ही अन्य स्कूल मौजूद हैं। इससे ड्रॉपआउट दर में कमी, सुविधाओं की एकीकृत उपलब्धता औरगुणवत्तापूर्ण शिक्षा* का मार्ग प्रशस्त होगा।
छात्रों को मिलेंगे एक्सपर्ट टीचर
सरकार की इस पहल (Rationalization Process) से बच्चों को विशेषज्ञ शिक्षक, बेहतर शैक्षणिक माहौल, और लैब, लाइब्रेरी व कंप्यूटर जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी। युक्तियुक्तकरण से न सिर्फ शिक्षकों का समुचित उपयोग होगा, बल्कि बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिलेगी।