Spread the love

नई दिल्ली, 09 अप्रैल। Repo Rate Cut : भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी की बैठक के नतीजे आ गए हैं और केंद्रीय बैंक ने टैरिफ टेंशन के बीच बड़ी राहत दी है। RBI एमपीसी की 54वीं बैठक और नए फाइनेंशियल ईयर FY26 की पहली बैठक के नतीजों का ऐलान करने के दौरान आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ग्लोबल इकोनॉमिक टेंशन और ट्रेड वॉर पर चिंता जाहिर की।

उन्होंने कहा कि इस चुनौतियों भरे माहौल में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया है औऱ इसके बाद Repo Rate 6 फीसदी पर आ गया है। साल 2025 में ये लगातार दूसरी बार है जब केंद्रीय बैंक ने बड़ी राहत दी है। इससे पहले फरवरी में हुई बैठक में रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया गया था, जिसके बाद ये कम होकर 6.25 फीसदी पर आ गया था। बता दें कि ये कटौती पांच साल के लंबे अंतराल के बाद की गई थी।

चुनौतियों के साथ FY26 की शुरुआत

RBI MPC के बैठक में रेपो रेट कट पर लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि नए कारोबारी साल 2026 की शुरुआत चुनौतियों के साथ हुई है, लेकिन पिछले कारोबारी साल के पहली छमाही में सुस्ती के बाद भारत की अर्थव्यवस्था लगातार ग्रोथ कर रही है। उन्होंने टैरिफ को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि High Tariff से  नेट एक्सपोर्ट गतिविधियों पर निगेटिव प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौकी के बारे में बताते हुए कहा कि MSF रेट 6.5% से घटकर 6.25% पर आ गया है। SDF रेट 6% से घटाकर 5.75% हो गया है। उन्होंने पॉलिसी रुख को Neutral से Accomodative किया है।

पहले से जताए जा रहे थे अनुमान 

टैरिफ वॉर और बाजार में गिरावट के प्रेशर के बीच रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए लोगों को बड़ी राहत दी है। Repo Rate ताजा कटौती के बाद कम होकर अब 6 फीसदी पर आ गया है।

बता दें कि कई रिपोर्ट्स में इस तरह का अनुमान जाहिर किया जा रहा था कि नीतिगत दरें घटाई जा सकती हैं। बैंक ऑफ अमेरिका (BOFA) ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में अनुमान जाहिर करते हुए कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था को देखते हुए केंद्रीय बैंक लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती करते हुए बड़ी राहत दे सकता है। इसमें Repo Rate में 0.25 फीसदी की कटौती का अनुमान जताया गया था।

5 साल बाद तोहफे पर तोहफा 

बता दें कि इससे पहले फरवरी में हुई MPC Meeting में रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए पांच साल के लंबे अंतराल के बाद रेपो रेट में कटौती की थी और इसे 25 बेसिस पॉइंट घटा दिया था। इसके बाद रेपो रेट घटकर 6.25 फीसदी हो गया था। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मई 2020 में रेपो रेट घटाया था। हालांकि उसके बाद धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। आखिरी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी फरवरी 2023 में की गई थी।

रेपो रेट कम होने पर घटती है Loan EMI

यहां बता दें कि Repo Rate का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है. दरअसल, रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।