शिरडी, 06 अप्रैल। Retired ISRO Officer : महाराष्ट्र के शिरडी में अक्सर “भिखारी गिरफ्तारी अभियान” चलाया जाता है। इसी क्रम में शनिवार को भी अभियान चलाकर करीब 50 से ज़्यादा भिखारियों को पकड़ा गया। इनमें से एक भिखारी अंग्रेजी में भीख मांगता हुआ पाया गया।
पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। उन्होंने खुद को सेवानिवृत्त इसरो अधिकारी बताया। ये सुनते ही शिरडी पुलिस सतर्क हुई और दो घंटे तक कड़ी पूछताछ की, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।
इसलिए मांगनी पड़ी भीख
शिरडी पुलिस, नगर परिषद और साईं संस्थान मुंबई भिक्षावृत्ति निषेध अधिनियम, 1959 की धारा 5 (5) के तहत शिरडी में हर दो महीने में कार्रवाई करती हैं। इसमें पकड़े गए भिखारियों को अदालत के आदेश के अनुसार विसापुर स्थित सरकारी भिखारी गृह में भेज दिया जाता है। डेढ़ महीने पहले भी इसी तरह के अभियान में मुंबई के एक पूर्व पुलिस अधिकारी को भी भीख मांगते हुए पकड़ा गया था। आज इस ऑपरेशन में इसरो का एक पूर्व अधिकारी मिला, जिससे हड़कंप मच गया। भिखारी गिरफ्तारी ऑपरेशन में मिले व्यक्ति ने अपना नाम ‘के.एस. नारायणन’ बताया। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे 1988 में इसरो अधिकारी थे और 2008 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली।
भाई ने की ठगी
के.एस. नारायणन ने बताया कि उनके भाई ने उनसे 12 लाख रुपये ठग लिये। उनका बड़ा बेटा यूनाइटेड किंगडम में काम कर रहा है। के.एस. नारायणन ने कहा कि वह साईं बाबा के दर्शन के लिए शिरडी आते हैं। उस समय नासिक में उनका बैग चोरी हो गया, जिसमें उनका आधार कार्ड, आई कार्ड और पैसे थे। इसलिए वह भक्तों से पैसे मांग रहे थे। उन्होंने बताया कि आज शाम को सिकंदराबाद जाना था। उन्होंने बताया कि पीएसएलवी, जीएसएवी और चंद्रयान मिशन के दौरान इसरो में थे। श्रीहरिकोटा के ए. राजराजन उनके मित्र हैं।
हालांकि पुलिस ने उन्हें अन्य भिखारियों से अलग रखा। उसके बैंक खाते और अन्य जानकारियों की जांच की गई। नारायणन के दावों की शिरडी पुलिस ने पुष्टि की। उन्होंने जांच की कि वह शिरडी कैसे आया और उसके दावे कितने सच थे। हालांकि पुलिस इस मामले में इसरो से संपर्क नहीं कर पाई। लेकिन उसने जो जानकारी दी, बैंक में उसका खाता और दूसरों के साथ उसके संपर्कों ने पुलिस को उसकी जानकारी विश्वसनीय लगी। इसलिए, पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया और बाद में उसे छोड़ दिया।