कोलकाता, 14 अगस्त। RG Kar Medical College : कोलकाता में लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर का केस पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई ने इसे अपने हाथ में ले लिया है। हैवानियत के इस मामले में परत दर परत कई खुलासे हो रहे हैं। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर एक डॉक्टर ने दावा किया है कि इस जुर्म में एक से ज्यादा आरोपी शामिल हैं।
अखिल भारतीय सरकारी डॉक्टर संघ के अतिरिक्त महासचिव डॉ. सुवर्ण गोस्वामी के मुताबिक उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ी है। पीएम रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि महिला डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट से 151 ग्राम लिक्विड मिला है। डॉ. गोस्वामी का दावा है कि इतनी ज्यादा मात्रा किसी एक शख्स की नहीं हो सकती।
कई लोगों की भूमिका संभव: डॉ. गोस्वामी
डॉ. का दावा है कि रिपोर्ट से इस जघन्य अपराध में कई लोगों के शामिल होने का संकेत मिलता है। महिला डॉक्टर के शरीर पर जिस प्रकार की चोट मिली है और जितनी ताकत उस पर हमला करने में लगाई गई है, यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता। लेडी डॉक्टर के परिवार को भी कई लोगों की भूमिका को लेकर संदेह है। डॉ. गोस्वामी ने कोलकाता पुलिस के उस बयान का भी खंडन किया है, जिसमें एक ही आरोपी होने की बात कही गई है।
PM रिपोर्ट पढ़ने वाले डॉक्टर का सवाल
क्यों शुरू किया गया रिपेयरिंग का काम : दरअसल, रेप और मर्डर के इस मामले की जांच शुरू से सवालों के घेरे में है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का आरोप है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी सेमिनार हॉल को खुला रखा गया। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि वहां रिपेयरिंग का काम होना था। लेकिन रिपेयरिंग का काम सेमिनार हॉल के बगल के कमरे में होना था। सेमिनार हॉल के अंदर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था। ये एक तरह की लापरवाही है। हड़ताली डॉक्टरों ने सेमिनार हॉल के सामने निर्माण कार्य पर भी सवाल खड़े किए हैं।
सील क्यों नहीं किया गया सेमिनार हॉल : प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि सबूतों से छेड़छाड़ करने के लिए सेमिनार हॉल के बगल में कंस्ट्रक्शन शुरू किया गया है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि अस्पताल के जिस सेमिनार हॉल में इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया, उसे सील किया जाना चाहिए था।सेमिनार हॉल को सील ( RG Kar Medical College) क्यों नहीं किया गया?