RHS Concerns : Atrocities on Hindus...! Demand raised for imposition of President's rule in West BengalRHS Concerns
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लखनऊ, 21 अप्रैल।​ RHS Concerns : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और अन्य जिलों में हिंदू समुदाय पर हो रहे उत्पीड़न, हिंसा और पलायन की खबरों को लेकर राष्ट्रीय हिंदू संगठन (RHS) ने गहरी चिंता जताई है। राष्ट्रीय हिंदू संगठन ने पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा। संगठन ने ज्ञापन में मांग की है कि राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था, तुष्टिकरण की राजनीति और हिंदू समुदाय के पलायन की स्थिति को देखते हुए पश्चिम बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।

संगठन की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुर्शिदाबाद, बीरभूम, उत्तर दिनाजपुर और अन्य जिलों में हिंदू समुदाय को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। कई स्थानों पर हिंदुओं को उनके घरों से निकाला जा रहा है, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और उनकी धार्मिक पहचान के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय हिंदू संगठन की मुख्य मांगें

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए : संगठन का कहना है कि राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। ऐसी स्थिति में संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राष्ट्रपति शासन आवश्यक हो गया है।

केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए : राज्य पुलिस की निष्क्रियता को देखते हुए, संगठन ने सीआरपीएफ और अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों की तत्काल तैनाती की मांग की है, ताकि हिंदू समुदाय की जान-माल की रक्षा की जा सके।

विशेष जांच दल (SIT) का गठन : केंद्र सरकार से यह मांग की गई है कि इन अत्याचारों की गहराई से जांच के लिए एक विशेष जांच दल बनाया जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

पीड़ितों को न्याय और पुनर्वास : हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा, पुनर्वास, और कानूनी सहायता की व्यवस्था की जाए, ताकि वे अपने जीवन को दोबारा पटरी पर ला सकें।

हिंदू समुदाय की सुरक्षा की गारंटी : संगठन ने यह भी मांग की है कि केंद्र सरकार हिंदू समुदाय के लिए स्थायी सुरक्षा नीति बनाए और तुष्टिकरण की राजनीति को समाप्त करे।

तुष्टिकरण नीति का आरोप

राष्ट्रीय हिंदू संगठन ने सीधे तौर पर राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि ‘मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति’ के चलते हिंदू समुदाय के साथ भेदभाव और अत्याचार को नजरअंदाज किया जा रहा है। संगठन ने यह भी कहा कि राज्य में ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ चरम पर है और इसके चलते हिंदुओं को पलायन तक के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।