डेस्क रिपोटर, 21 मई। Saint Premananda : बाबा प्रेमानंद महाराज जी के प्रमुख शिष्य वे हैं जिन्होंने सांसारिक सुख-सुविधाओं को त्याग कर भक्ति के मार्ग को अपनाया और महाराज जी के साथ वृंदावन में साधना और सेवा में समर्पित हो गए।
इन शिष्यों में से कुछ की प्रेरणादायक कहानियां इस प्रकार हैं-
नवल नागरी बाबा

नवल नागरी बाबा जी पंजाब के पठानकोट के निवासी हैं। उन्होंने 2008 में भारतीय सेना में सेवा शुरू की और 2017 तक देश की सेवा की। 2016 में, कारगिल से दिल्ली की यात्रा के दौरान वे वृंदावन पहुंचे और वहाँ श्री प्रेमानंद महाराज के प्रवचन सुने। इन प्रवचनों से प्रभावित होकर उन्होंने सेना से इस्तीफा दे दिया और आध्यात्मिक मार्ग अपनाते हुए प्रेमानंद महाराज के शिष्य बन गए। वर्तमान में, नवल नागरी बाबा जी वृंदावन स्थित राधा केलिकुंज आश्रम में रहते हैं और आश्रम की व्यवस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
महामधुरी बाबा

महामधुरी बाबा जी पीलीभीत के निवासी हैं और पहले एक असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम करते थे। उनका संपर्क प्रेमानंद महाराज से उनके भाई के माध्यम से हुआ। जब वे पहली बार वृंदावन आए, तो महाराज जी के आशीर्वाद से उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। उन्होंने अपना प्रोफेसर का पद छोड़ दिया और साधु का जीवन अपनाया। अब वे प्रेमानंद महाराज के साथ रहते हैं और उनका यह निर्णय यह साबित करता है कि जब व्यक्ति का दिल सत्य और भक्ति की ओर मुड़ता है, तो संसार की सारी सांसारिक बातें उसे त्यागनी पड़ती हैं।
श्यामा शरण बाबा

श्यामा शरण बाबा जी प्रेमानंद महाराज के एक ऐसे शिष्य हैं, जिनका संबंध उनके साथ खून के रिश्ते से भी जुड़ा है। वे महाराज जी के भतीजे हैं और उनका जन्म उसी घर में हुआ था, जहां प्रेमानंद महाराज का जन्म हुआ था। बचपन से ही उन्हें अपने घर में महाराज जी के जीवन के प्रेरणादायक किस्से सुनने को मिलते थे। इस कारण, उनका दिल भक्ति के मार्ग की ओर खिंचता गया और उन्होंने महाराज जी से दीक्षा लेकर उनका शिष्यत्व स्वीकार किया। उनका जीवन यह बताता है कि जब एक व्यक्ति अपने परिवार और गुरु के आशीर्वाद से जुड़ा होता है, तो वह भक्ति के रास्ते पर चलते हुए जीवन के उच्चतम उद्देश्यों की प्राप्ति कर सकता है।
अलबेलीशरण बाबा

अलबेलीशरण बाबा जी दिल्ली के निवासी हैं और पहले एक चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) के रूप में कार्यरत थे। प्रेमानंद महाराज के प्रवचन सुनने के बाद उन्होंने सांसारिक जीवन को त्याग दिया और भक्ति के मार्ग को अपनाया। अब वे प्रेमानंद महाराज के साथ रहते हैं और आश्रम की सेवा में लगे रहते हैं।
आनंद प्रसाद बाबा

आनंद प्रसाद बाबा दिल्ली से ताल्लुक रखते हैं और उनका फुटवियर का बिजनेस था। साल 2018 में जब उन्होंने प्रेमानंद जी महाराज का प्रवचन सुना तो व्यापार छोड़कर भक्ति में मन रमा लिया। अब वह प्रेमानंद महाराज जी के साथ रहकर आश्रम की विभिन्न गतिविधियों में योगदान दे रहे हैं।
इन शिष्यों के जीवन से यह स्पष्ट होता है कि प्रेमानंद महाराज जी (Saint Premananda) के प्रवचन और आशीर्वाद से प्रभावित होकर कई लोग भक्ति के मार्ग पर चलने का निर्णय लेते हैं और सांसारिक जीवन को त्याग कर आध्यात्मिक साधना में समर्पित हो जाते हैं।
