Saint Premananda Maharaj : जब अपने ही विश्वासघात करें, तब क्या करें…? यहां सुनिए प्रेमानंद जी का सच्चा उत्तर Video

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डेस्क रिपोर्ट, 08 जुलाई। Saint Premananda Maharaj : जब एक श्रोता ने संत प्रेमानंद महाराज जी से भावुक होकर पूछा- “जब कोई अपना ही विश्वासघात कर दे, तो क्या करें?”, तो उन्होंने अत्यंत शांति और गहराई से उत्तर दिया, “अगर कोई अपना ही धोखा दे दे, तो दुखी मत होना। वो तुम्हारा अपना हो ही नहीं सकता था, वरना धोखा नहीं देता।

अपने वही होते हैं जो साथ निभाते हैं, चाहे परिस्थितिहां कैसी भी हों। विश्वासघात करने वाला तुम्हें कुछ सिखाकर गया है, किसे जीवन में स्थान देना है, किसे नहीं। उसे माफ करो, लेकिन फिर से उसी अग्नि में मत जलो। जीवन में हर चोट एक सीख होती है, और हर सीख तुम्हें और मजबूत बनाती है। और याद रखो- परमात्मा कभी विश्वासघात नहीं करता। उसे पकड़ो, उसी में भरोसा रखो। बाकी सब बदलने वाले हैं।”

यह उत्तर एक सरल, लेकिन गहरी जीवन दृष्टि (Saint Premananda Maharaj) देता है, कि दुख में भी विवेक रखो, और जो चला गया, उसे जाने दो। विश्वासघात एक अंत नहीं है, वह सजगता की शुरुआत हो सकती है।