कोरबा, 15 जुलाई। Scam in Campa : वन विभाग के पौधारोपण कार्य में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। वर्ष 2019-20 में कैम्पा मद से स्वीकृत 10 करोड़ की योजना के तहत कराए गए पौधारोपण में भारी अनियमितता सामने आई है। यह घोटाला पहली बार जुलाई 2024 में उजागर हुआ था। अब एक साल बाद जांच पूरी होने के बाद 45.32 लाख रुपये की वसूली की अनुशंसा की गई है।
पाली एसडीओ चंद्रकांत टिकरिहा के नेतृत्व में गठित जांच दल की रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि मप्र से मजदूर बुलाकर पौधारोपण का महज दिखावा किया गया। मौके पर न पौधे थे, न सुरक्षा व्यवस्था। बोरवेल तक बिना बिजली कनेक्शन के खुदवा दिए गए।
इन अधिकारियों से होगी वसूली
- एआर बंजारे (रिटायर्ड एसडीओ): ₹11.33 लाख
- धर्मेन्द्र चौहान (रेंजर): ₹15.86 लाख
- एसएस तिवारी (वनपाल): ₹11.33 लाख
- दिलीप ओरेकरा (वनरक्षक): ₹18,568
- सुरेश यादव (वनरक्षक): ₹1.21 लाख
- एपी सोनी: ₹4.50 लाख
- एके शुक्ला: ₹89,983
घोटाले की मुख्य बातें
- 10 करोड़ की परियोजना में अब तक 5.50 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
- 265 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया जाना था, लेकिन भूमि का रकबा ही कम पाया गया।
- अतिक्रमण वाली जमीन को भी परियोजना में शामिल किया गया।
- मौके पर केवल 20-30% पौधे जीवित पाए गए।
- फेंसिंग, पाइपलाइन, पंप, बिजली कनेक्शन जैसी व्यवस्थाएं अधूरी और खराब पाई गईं।
ये पौधे लगाए गए थे
आंवला, जामुन, नीम, करंज, सागौन, सीरत, सरई, कौहा, महुआ, बीजा आदि।
150 हेक्टेयर में 88,000 पौधों का रोपण किया गया था।
फिर भी आज 3 साल बाद केवल 20-25% पौधे ही बचे हैं।
जांच रिपोर्ट राज्य शासन (Scam in Campa) को सौंप दी गई है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शासन दोषियों पर कब कार्रवाई करता है। वन विभाग की इस लापरवाही ने न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की कोशिशों को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है।