सिंगरौली/भोपाल, 27 जनवरी। SDM : मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में चितरंगी तहसील के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ है, जिसमें वह एक महिला लिपिक से अपने जूते के फीते बंधवाते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 22 जनवरी का बताया जा रहा है।
इस पर एसडीएम असवन राम चिरावन ने सफाई दी है कि उनके पैर में चोट आ गई थी, जिसकी वजह से उन्हें महिला लिपिक से जूते के फीते बंधवाने पड़े। महिलाओं के सम्मान को सर्वोपरि मानने वाली राज्य सरकार के लिए यह असहज करने वाला मामला है, नतीजतन सरकार ने ऐसे आचरण के लिए कटघरे में फंसे एसडीएम के तबादले का आदेश जारी कर दिया।
किसी भी व्यक्ति, विशेषकर वरिष्ठ अधिकारी को इस बात की सहज समझ होनी चाहिए कि सार्वजनिक रूप से ऐसे आचरण का क्या मतलब है। लेकिन संबंधित एसडीएम ने इस पर विचार करना जरूरी नहीं समझा कि ऐसी बात उनके पद की गरिमा के साथ-साथ सामान्य नैतिकता के भी खिलाफ कैसे जाती है।
खासतौर पर जिस दौर में महिलाओं के सम्मान और अधिकार के लिए सभी स्तरों पर जोर दिया जा रहा है, वैसे में यह घटना दावों और हकीकत के विरोधाभास को ही दर्शाती है। इसलिए उनके तबादले से संबंधित फैसले का आशय समझा जा सकता है। हालांकि आरोपों के कठघरे में आए एसडीएम ने सफाई के तौर पर कहा कि उनके पैर में चोट लगी थी और इस वजह से महिला कर्मी ने खुद ही जूते के फीते बांध दिए थे। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने की स्थिति में किसी अधिकारी या कर्मचारी के पास अवकाश लेने का विकल्प होता है।
चितरंगी के उत्कृष्ट विद्यालय में 22 जनवरी को श्रीराम भगवान के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम था। इसमें राज्य मंत्री राधा सिंह भी शामिल हुई थीं। कार्यक्रम खत्म होने के बाद एसडीएम बाहर लोहे का एंगल पकड़कर खड़े हो गए और एक महिला कर्मचारी ने उनके जूते के फीते बांधे। यह कर्मचारी उन्हीं के विभाग में लिपिक है। इस दौरान किसी ने वीडियो बना लिया, जो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। मामला इसलिए भी और उछलने लगा, क्योंकि दो दिन पहले ही बांधवगढ़ जिले में एक एसडीएम ने एक युवक को सरेआम पीटा था। उस एसडीएम को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है।
मामले में एसडीएम की सफाई
SDM असवन राम चिरावन ने कहा, इस मामले में मैंने अपने पद का कोई दुरुपयोग नहीं किया है। विस चुनाव में शिवराज सिंह चौहान की बगदारी में सभा हुई थी, जिसमें मेरा पैर फिसल गया था। इससे मेरे दोनों पैरों में गंभीर चोट आई थी, जिसके चलते ठीक से चल नहीं सकता हूं। 22 जनवरी को राज्य मंत्री राधा सिंह का कार्यक्रम था। प्रोटोकाल के कारण मुझे वहां मौजूद रहना पड़ा। इस दौरान पूजन के समय जूते उतारे थे। पूजन के बाद जूते पहन भी लिए थे, लेकिन फीते बांधने के लिए झुक नहीं पा रहा था, तभी मातातुल्य महिला ने मेरी मदद की थी।