सूरजपुर, 26 जून। SECL Mines : सूरजपुर जिला में एसईसीएल की खदान में तैनात त्रिपुरा राइफल के जवानों की हैवानियत का विडियों सामने आया हैं। यहां कोयला चोरी के नाम पर पकड़े दो युवको को जवानों ने पुलिस को सौंपने के बजाये खुद ही सजा दे दिया।
खदान के गंदे पानी से नहलाया
बताया जा रहा हैं कि जवानों ने पहले तो खदान के गंदे नाली में दोनों युवको को लेटने का आदेश दिया गया। इसके बाद भी जब जवानों का मन नही भरा, तो उन्होने खदान परिसर में ही बंदूक की बट और डंडे से दोनों युवकों की बुरी तरह से पिटाई करने का विडियों बनाया गया। सोशल मीडिया में अब ये विडियों सामने आया हैं, जिसके बाद एसईसीएल प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गये हैं।
खदान कैम्पस में ही बनाकर रखा बंधक
पूरा घटनाक्रम एसईसीएल के विश्रामपुर क्षेत्रांतर्गत गायत्री परियोजना का हैं। जानकारी के मुताबिक गायत्री परियोजना में तैनात त्रिपुरा राइफल के जवानों ने टोमिन राम और उसके साथी को खदान क्षेत्र से पकड़ा था। जवानों का आरोप हैं कि दोनों युवक खदान में कोयला चोरी करने घुसे हुए थे। जिन्हे पकड़ने के बाद जवानों ने उन्हे पुलिस को देने की बजाये एसईसीएल खदान के कैम्पस में ही बंधक बनाकर रखा गया।
इसके बाद दूसरे दिन सुबह खदान की सुरक्षा में तैनात जवानों ने दोनों संदिग्ध युवको को खुद ही सजा देने का फैसला ले लिया गया। बताया जा रहा हैं कि जवानों ने पहले दोनों युवको को खदान के गंदे नाली में लेटने का आदेश दिया। नाली में गंदगी के बीच लेटने के बाद दोनों युवको को घुटने के बल बैठाकर चलाया गया। इस दौरान तकलीफ बताने पर जवानों ने टोमिन राम को बंदूक के बट और डंडे से पीटते रहे।
ग्रामीणों में भारी आक्रोश
इस घटना का बकायदा जवानों ने विडियों भी बनाया गया। घटना के बाद पीड़ित युवको को छोड़ दिया गया। उधर इस घटना का विडियों सामने आने के बाद जहां पीड़ित युवक के परिवार के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों में गहरा आक्रोश हैं। वहीं इस घटना के बाद एसईसीएल की खदान में तैनात जवानों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग गया है। बताया जा रहा हैं कि मारपीट की घटना का शिकार टोमिन राम का बड़ा भाई फौज में 10 साल सेवा दे चुका हैं।
परिवार वालों का आरोप हैं कि उनका बेटा खदान की तरफ घुमने गया हुआ था। बावजूद इसके जवानों ने उसे कोयला चोर बताकर उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की गयी। फिलहाल इस घटना के बाद पीड़ित युवक और परिवार के लोग घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराने की बात अब कह रहे हैं। वही दूसरी तरफ एसईसीएल प्रबंधन (SECL Mines) ने इस घटना पर चुप्पी साध ली हैं।