जलपाईगुड़ी, 11 जुलाई। Secret Celebration : पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी ज़िले में एक सुनसान जंगल में दो अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं को साथ शराब पीते पकड़े जाने की घटना ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। यह मामला गुरुवार देर रात अपलचंद जंगल के पास सामने आया, जहां ग्रामीणों ने भाजपा महिला मोर्चा की ज़िला अध्यक्ष दीपा बनिक अधिकारी और टीएमसी नेता पंचानन रॉय को एक कार में साथ शराब पार्टी करते देखा।
क्या हुआ था?
स्थानीय लोगों ने एक कार को देर रात जंगल के पास असामान्य रूप से खड़ा देखा। शक के आधार पर जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे और कार में बैठे लोगों से बाहर निकलने को कहा, तो उन्होंने देखा कि कार में भाजपा और टीएमसी के नेता शराब के गिलास लिए बैठे हैं। साथ ही, कार में टीएमसी नेता का ड्राइवर भी मौजूद था।
वीडियो हुआ वायरल
घटना का वीडियो ग्रामीणों ने बना लिया जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल फुटेज में दीपा बनिक अधिकारी कार की पिछली सीट पर बैठी दिख रही हैं, और जब उन्हें टोका गया, तो उन्होंने शराब से भरा गिलास चुपचाप आगे की सीट पर सरका दिया।
जनता का गुस्सा
घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए और नेताओं को कार से बाहर आने को कहा। कार को चारों ओर से घेर लिया गया और नारेबाज़ी की गई। ग्रामीणों का कहना है कि यह “राजनीतिक और नैतिक पतन” का प्रतीक है और जनता के विश्वास के साथ धोखा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
- भाजपा की प्रतिक्रिया: पार्टी की ओर से दीपा बनिक अधिकारी ने अभी तक इस पर सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी सूत्रों ने इसे एक राजनीतिक साज़िश बताया है।
- टीएमसी की प्रतिक्रिया: टीएमसी के नेता पंचानन रॉय ने भी चुप्पी साध रखी है, जबकि कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इसे “ग़लतफ़हमी” बताया है।
- विपक्ष का हमला: लेफ्ट और अन्य विपक्षी दलों ने दोनों दलों की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “जब सत्ता और विपक्ष साथ बैठकर पीते हैं, तब जनता को कौन जवाब देगा?”
प्रशासन की स्थिति
स्थानीय प्रशासन और पुलिस को घटना की जानकारी दे दी गई है। अभी तक कोई औपचारिक शिकायत या गिरफ्तारी की सूचना नहीं मिली है। हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर जांच की मांग उठ रही है।
इस घटना ने जलपाईगुड़ी की राजनीति (Secret Celebration) में हलचल मचा दी है। एक ओर जहां भाजपा और टीएमसी के नेताओं का यह मेलजोल दोनों दलों की छवि पर सवाल खड़े कर रहा है, वहीं जनता भी नेताओं के इस रवैये से नाराज़ है। घटना ने एक बार फिर से राजनीति में नैतिकता और जवाबदेही के सवाल को केंद्र में ला दिया है।