नई दिल्ली, 17 अगस्त। Senior BJP Leader : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को बताया कि सीपी राधाकृष्णन एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। फिलहाल राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।
जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इस नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगी। उन्होंने विश्वास जताया कि राधाकृष्णन का अनुभव, उनकी प्रतिबद्धता और विचारधारा उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त हैं।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
तमिलनाडु के तिरुप्पुर में 20 अक्टूबर 1957 को जन्मे चन्द्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाले कद्दावर नेता हैं। उन्होंने दो बार—1998 और 1999—कोयंबटूर से लोकसभा सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2003 से 2006 तक वे भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
उनकी पहचान एक जमीनी नेता और संगठन के प्रति समर्पित कार्यकर्ता के रूप में रही है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष रहते हुए 2004–2007 के दौरान उन्होंने 93 दिनों की रथ यात्रा निकाली थी। इस यात्रा का उद्देश्य था, नदी जोड़ो अभियान, आतंकवाद के विरुद्ध जनजागरण, और अस्पृश्यता का उन्मूलन।
संवैधानिक पदों पर अनुभव
राधाकृष्णन के पास संवैधानिक पदों का भी व्यापक अनुभव रहा है।
फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक वे झारखंड के राज्यपाल रहे।
मार्च से जुलाई 2024 तक तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभाला।
मार्च से अगस्त 2024 तक पुडुचेरी के उपराज्यपाल का कार्यभार भी उनके पास था।
31 जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।
संसदीय भूमिका
लोकसभा सांसद रहते हुए उन्होंने वस्त्र उद्योग पर स्थायी समिति की अध्यक्षता की और वित्तीय तथा सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण समितियों में सक्रिय भूमिका निभाई।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
सीपी राधाकृष्णन ने कोयम्बटूर स्थित वी.ओ. चिदंबरम कॉलेज से बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की डिग्री प्राप्त की है। एनडीए (Senior BJP Leader) द्वारा उनका नाम सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि उनके अनुभव और संगठन में दीर्घकालिक योगदान को देखते हुए वे एक मजबूत उम्मीदवार साबित हो सकते हैं। अब सभी की निगाहें आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं।