कोलकाता, 08 जुलाई। Shantanu Thakur : पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर की ओर से जारी किए गए एक पास पर बीजेपी और उन्हें घेरा है। इस पास में बीएसएफ को कहा गया है कि पासधारक को बीफ ले जाने की अनुमति दी जाए। उनके इस पास पर सियासी घमासान शुरू हो गया है।
महुआ मोइत्रा ने अपने पोस्ट में दावा किया है कि केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने अपने ऑफिसियल लेटरहेड पर स्मग्लर्स को बीफ ले जाने की आधिकारिक स्वीकृति दी है। महुआ के द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर में शांतनु ठाकुर के ऑफिसियल लेटरहेड में उत्तर 24 परगना के जियारुल गाजी के द्वारा तीन किलो बीफ ले जाने का पास है।
महुआ ने इस पोस्ट में होम मिनिस्टर को टैग किया है। इसी के बाद जब पश्चिम बंगाल में सियासी गर्मी बढ़ने लगी तो शांतनु ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई देते हुए स्वीकार किया कि यह पास उनके द्वारा जारी किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया
शांतनु ठाकुर ने बीएसएफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि इलाके में जो 85 बटालियन है, वहां कुछ लोग टीएमसी के साथ मिले हुए हैं, ऐसे में वहां पक्षपात हो रहा है और टीएमसी से जुड़े लोगों को राजनीतिक छत्रछाया मिल रही है। इसलिए उस इलाके में संतुलन बनाए रखने के लिए मैंने यह पास दिये हैं। शांतनु ठाकुर ने पूरे मामले को बागदाह विधानसभा उपचुनाव से पहले नेगेटिव प्रचार किया जा रहा है।
वहीं, बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक भारत-बांग्लादेश बॉर्डर इलाके में गांव के लोगों को सामान ले जाने के लिए स्थानीय पंचायत की तरफ से पर्ची (पास) जारी की जाती है। इस पास को देखने के बाद ही बीएसएफ की चौकियां लोगों को एक गांव से दूसरे गांव सामान ले जाने देती हैं। भारत की तरफ गांव में सामान ले जाने के लिए यह पास जरूरी है, जिसे टीएमसी संचालित पंचायत के द्वारा जारी किया जाता है।
हालांकि, इस पास से किसी भी कीमत पर सामान बांग्लादेश नहीं ले जाया जा सकता है। सिर्फ भारत में ही बॉर्डर पर यह पास कारगर है। बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक, कई सालों पहले कोर्ट में भी यह मामला बहस का विषय बना था, तब अदालत ने सामानों के रेगुलेशन के लिए बीएसएफ को ही अनुमति दी थी।
Shantanu Thakur ने जियारुल गाजी को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साथ लिया, जिसे यह पास दिया गया था। जियारुल के मुताबिक, खाने के लिए वह तीन किलो बीफ लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि हकीमपुर बॉर्डर पर उनके गांव में कुछ भी सामान ले जाने के लिए बीएसएफ को पास दिखाना होता है।