मुरैना, 21 जून। Skeleton in Car : मुरैना में स्टॉप डैम के गेट खोले गए तो पानी उतरने पर नदी में कार दिखाई दी। जेसीबी की मदद से इसे बाहर निकाला गया। कार की पिछली सीट पर दो शव थे। एक महिला और दूसरा पुरुष का। शिनाख्त के बाद पता चला कि दोनों करीब 4 महीने से लापता थे। अब पुलिस हादसा या हत्या है, इसकी तलाश में जुटी है।
मामला सिहोनिया थाना क्षेत्र का है। यहां क्वारी नदी के गोपी घाट पर बने स्टॉप डैम के गेट मंगलवार को खोले गए थे। करीब 2 घंटे बाद नदी का पानी कम हुआ तो सफेद रंग की कार नजर आई। इसका रजिस्ट्रेशन नंबर एमएच03 बीसी 8720 है। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस जांच के दौरान पता चला कि शव 6 फरवरी को अंबाह थाने में दर्ज गुमशुदा महिला मिथलेश सखवार और उसके देवर नीरज सखवार के हैं।
सड़े हुए मिले दोनों शव
गौरतलब है कि, 18 जून की शाम कुछ लोग गोपी गांव में क्वारी नदी के पास से गुजर रहे थे। इस दौरान उनकी नजर स्टॉप डैम पर पड़ी। उन्हें उसमें एक कार दिखाई दी। गांववालों को मामला संदिग्ध लगा तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कार को पानी से बाहर निकाला तो, सबके होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि सफेद कलर की कार की पिछली सीट पर दो कंकाल थे। पुलिस ने कंकालों को बाहर निकाला और गांववालों से पहचान करने को कहा। कार के इग्नीशन में चाबी लगी थी। दोनों शव पिछली सीट पर सड़ी-गली हालत में थे। पुलिस ने जिलेभर में गुमशुदा लोगों के परिजन को सूचना दी। अंबाह में रहने वाले मुकेश सखवार मौके पर पहुंचे। उन्होंने शवों की पहचान अपनी पत्नी मिथलेश और चचेरे भाई नीरज के रूप में की।
मुकेश ने बताया, ‘कार मेरे चचेरे भाई नीरज सखवार की है। वह उसे किराये पर चलाता था। 6 फरवरी को पत्नी मिथलेश इसी कार से नीरज के साथ छत्ते का पुरा गांव गई थी। वहां से दोनों अंबाह के गुरुद्वारा मोहल्ला स्थित घर आने के लिए निकले लेकिन देर रात तक नहीं पहुंचे। दूसरे दिन तलाश करने के बाद अंबाह थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।’
चार माह से तलाश रही थी पुलिस
डीएसपी विजय सिंह भदौरिया ने बताया कि लापता मिथलेश और नीरज की तलाश में पुलिस टीमें मुरैना जिले से लगे भिंड, ग्वालियर, दतिया समेत दिल्ली और गुजरात तक गई थीं। कुछ पता नहीं चला। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्ट्या मामला एक्सीडेंट का नजर आ रहा है। हालांकि, हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस दोनों ही एंगल पर जांच कर रही है। सिहोनिया थाना प्रभारी धर्मेंद्र गौर ने बताया कि लाशों के अवशेष का ग्वालियर लैब में परीक्षण कराया जा रहा है। कार नदी में कैसे पहुंची, इसका भी पता लगा रहे हैं।
देवर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं
चूंकि, ये इलाका छोटा और पिछड़ा है, इसलिए कार देखते ही गांववालों ने पुलिस को बताया कि यह कार नीरज जाटव की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बता दिया कि दूसरा कंकाल उसकी भाभी मिथिलेश जाटव का होना चाहिए। इसके बाद पुलिस ने कंकालों को जांच के लिए भेज दिया। पुलिस ने अपना रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि चार महीने पहले मिथिलेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। उसे यह भी पता चला कि चार महीने पहले ही नीरज भी गायब हुआ था। लेकिन, उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट किसी ने दर्ज नहीं कराई।