Son Killed Father For Government Job : सरकारी नौकरी के लिए बेटे ने पिता को जीते जी मार दिया…पिता भी कम नहीं…खोल दी पूरे परिवार की पोल…

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दरभंगा, 26 जून। Son Killed Father For Government Job : बिहार के दरभंगा में एक बेटे ने सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए अपने पिता को जीते जी मार दिया। हालांकि, पिता भी कम नहीं थे और उन्होंने जिला कार्यालय जाकर अपने बेटे की करतूत की पोल खोल दी। इसके बाद फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के आरोप में पीड़ित के बेटे, पत्नी और परिवार के अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दरभंगा डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लिया (Son Killed Father For Government Job)है और अनुकंपा नियुक्ति की सिफारिश रद्द करते हुए फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

जीवित व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट बनाने वाले डॉक्टर से भी पूछताछ की जाएगी। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, जिस बुजुर्ग का डेथ सर्टिफिकेट बना है, उनके परिजनों पर एक्शन होना तय है।

क्या है मामला?

दरभंगा में एक जीवित कर्मचारी के पुत्र ने अपने पिता को मृत बताकर सरकारी नौकरी हासिल करने की कोशिश की, लेकिन जब मृत बताए कर्मचारी खुद जिला कार्यालय में उपस्थित हो गए तो पूरे फर्जीवाड़े की पोल खुल गई। पथ प्रमंडल दरभंगा के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी विष्णु देव यादव को मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर मृत दिखाया (Son Killed Father For Government Job)गया। उनके बेटे विकास कुमार यादव ने इसी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर अनुकंपा के आधार पर नौकरी की सिफारिश करवा ली।

30 मई को हो चुकी थी अनुकंपा नियुक्ति की सिफारिश

30 मई को इस सिफारिश को जिला अनुकंपा समिति की ओर से पारित भी कर दिया गया था, लेकिन मंगलवार को हुई समिति की बैठक में सच्चाई सामने तब आई, जब कर्मचारी विष्णु देव यादव ने खुद उपस्थित होकर समिति के सदस्यों को यह बताया कि उनके पुत्र ने उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी के लिए आवेदन किया है|

विकास और उसकी मां पर केस दर्ज करने का आदेश

पिता के जिंदा रहते पिता के मौत की अफवाह फैलाकर गलत ढंग से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने और इस आधार पर अनुकंपा पर नौकरी लेने पहुंचने के मामले को दरभंगा के डीएम कौशल कुमार ने बेहद गंभीरता से लिया (Son Killed Father For Government Job)है। उन्होंने नियुक्ति की सिफारिश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस फर्जीवाड़े में शामिल सभी व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाए, जिसमें विकास कुमार यादव, उनकी मां शांति देवी और अन्य पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश भी शामिल है।