लखनऊ, 05 जुलाई। Spit Jihad : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक गंभीर और आपत्तिजनक घटना सामने आई है, जिसने स्थानीय नागरिकों में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। दूध सप्लाई करने वाला एक युवक दूध में थूकते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। यह घटना शहर के गोमती नगर क्षेत्र की बताई जा रही है।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
वीडियो फुटेज में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि आरोपी मोहम्मद शरीफ, जो खुद को ‘पप्पू’ नाम से परिचित कराता था, घर के बाहर दूध का डिब्बा लेकर खड़ा है। वह दूध देने से पहले डिब्बे का ढक्कन खोलता है और उसमें थूकता है, फिर ढक्कन बंद कर वही दूध संबंधित परिवार को सौंप देता है।
दहशत में परिवार-जनता में रोष
जिस परिवार ने दूध लिया, उन्होंने जब घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो वे हक्के-बक्के रह गए। इस अमानवीय हरकत से परिवार ही नहीं, पूरे मोहल्ले में भय और आक्रोश का माहौल बन गया है।
हिंदू महासभा ने दर्ज कराई शिकायत
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने इस घटना को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने बताया कि, “हमने पूरा वीडियो देखा है और उसके आधार पर गोमती नगर थाने में तहरीर दर्ज कर दी गई है। यह केवल स्वास्थ्य और सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन नहीं, बल्कि थूक जिहाद का गंभीर मामला है।” चतुर्वेदी ने प्रशासन से तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने वीडियो फुटेज को जब्त कर लिया है और आरोपी (Spit Jihad) की पहचान व पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, पुलिस सूत्रों के अनुसार मामला गंभीरता से लिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि, जिस युवक पर दूध में थूककर देने का आरोप लगा है, उसका नाम मोहम्मद शरीफ है। हालांकि, वह अपना नाम लोगों को पप्पू बताता था। वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी घर के बाहर दूध का डिब्बा लेकर खड़ा है।
स्वास्थ्य और कानून दोनों पर बड़ा प्रश्नचिन्ह
यह मामला केवल धार्मिक या सांप्रदायिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि जन स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और सामाजिक भरोसे से भी जुड़ा है। दूध जैसे अत्यावश्यक और संवेदनशील खाद्य पदार्थ में जानबूझकर थूकना भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के अंतर्गत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नागरिक सतर्कता और टेक्नोलॉजी (जैसे CCTV) आज कितनी महत्वपूर्ण हो गई है। अब प्रशासन पर जिम्मेदारी है कि इस घटना की निष्पक्ष और तेज़ जांच करे तथा यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, जिससे आमजन का भरोसा बहाल रह सके।