जयपुर, 01 सितंबर। Student Committed Suicide : जयपुर में एक 12वीं कक्षा की छात्रा ने आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे इलाका शोक में डूब गया। यह घटना तब हुई जब मोना नाम की यह छात्रा एक लड़के की धमकियों से परेशान होकर आत्महत्या करने को मजबूर हो गई।घटना के समय मोना अपने घर में अकेली थी और उसने चुन्नी से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। आत्महत्या से पहले उसने अपनी बहन को बताया कि वह एक लड़के के टॉर्चर से बेहद परेशान है, जो उसका पीछा नहीं छोड़ रहा था और उसे धमकियां दे रहा था।
12वीं की छात्रा ने आत्महत्या की
इस दुखद घटना के दौरान मोना के परिवार के सदस्य घर पर नहीं थे। उसके पिता रामवतार जांगिड़ फर्नीचर की दुकान पर गए थे, जबकि उसकी मां, बड़ी बहन और छोटा भाई किसी काम से बाहर थे। घटना के समय मोना अकेली थी। दोपहर करीब 12 बजे जब सभी घर से बाहर गए थे, तभी मोना ने अपने कमरे में फांसी लगा ली। एक घंटे बाद, जब परिवार के सदस्य वापस लौटे, तो उन्होंने मोना का कमरा अंदर से बंद पाया। दरवाजे पर काफी खटखटाने और आवाज देने के बाद भी जब मोना ने कोई जवाब नहीं दिया, तो पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे, जहां मोना का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला।
आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज
घटना की सूचना मिलने पर मुहाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और घटनास्थल का मुआयना किया। मृतका के पिता ने विष्णु शर्मा नाम के लड़के के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवाया है। रामवतार जांगिड़ के अनुसार, विष्णु शर्मा पिछले कई महीनों से मोना को परेशान कर रहा था। वह घर के पास स्थित श्याम धर्मकांटा पर बैठता था और मोना का पीछा करता था। इसके अलावा, वह उसे मोबाइल पर बात करने के लिए मजबूर करता था।
धमकियों से परेशान होकर उठाया कदम
मृतका की बड़ी बहन राधा के अनुसार, मोना ने आत्महत्या से एक दिन पहले विष्णु शर्मा द्वारा किए जा रहे टॉर्चर के बारे में बताया था। उसने यह भी बताया कि विष्णु ने उसे धमकियां दी थीं कि अगर उसने उससे बात नहीं की तो वह उसके पिता का एक्सीडेंट करवा देगा और छोटे भाई को मार देगा। इन धमकियों ने मोना को इतना परेशान कर दिया कि उसने आत्महत्या करने का निर्णय लिया।
समझाने के बाद भी नहीं रुका उत्पीड़न
मोना के पिता रामवतार जांगिड़ ने विष्णु शर्मा को कई बार समझाने की कोशिश की थी। पहली बार जब मोना ने घरवालों को इस उत्पीड़न के बारे में बताया, तो रामवतार ने विष्णु को समझाया और उसे ऐसा करने से मना किया। हालांकि, कुछ दिनों बाद विष्णु ने फिर से मोना को परेशान करना शुरू कर दिया। दूसरी बार भी जब मोना ने अपने पिता को बताया, तो उन्होंने विष्णु को दोबारा बुलाकर समझाया, लेकिन वह नहीं रुका। आखिरकार, विष्णु की धमकियों और उत्पीड़न से तंग आकर मोना ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।