गोवा, 21 जनवरी। Suchana Seth Case : गोवा पुलिस बेटे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुई सूचना सेठ से पहले दिन से ही कई सवाल कर रही है। अपने ही बच्चे का कत्ल क्यों किया? वारदात का मकसद क्या था? बच्चे की लाश को सूटकेस में भरकर कहां और क्यों ले जाती? लाश ठिकाने लगाने की क्या प्लानिंग थी? फिर अपनी कलाई काटकर क्या जाताना चाहती? क़त्ल के लिए ही गोवा ही क्यों? जैसे तमाम सवाल पढ़ी लिखी हत्यारी मां सुचना सेठ से पुलिस कर रही है, लेकिन उसने किसी का भी खुलकर जवाब नहीं दिया है।
पुलिस अब मनोवैज्ञानिक के जरिए उसके दिमाग में घुसना चाहती है, लेकिन वारदात को सामने आए लंबा वक्त गुजरने के बावजूद मोटिव क्लियर नहीं है। यदि एक वक्त के लिए मान भी लिया जाए कि वो अपने बच्चे को लेकर इनसिक्योर थी कि वो नहीं चाहती थी कि उसका पति उसके बेटे से मिले, कहीं इसी चक्कर में बेटा उसके पति के पास चला जाए तो वह कैसी रहेगी। यानी अपने बेटे को किसी कीमत पर खुद से अलग नहीं करना चाहती थी। अगर सूचना का मोटिव यही था तो फिर सवाल ये उठता है कि आखिर बेटे की ‘हत्या’ करने से तो वह हमेशा के लिए उससे दूर ही चले जाते।
इस बीच गोवा पुलिस की तफ्तीश में साफ हुआ है कि सूचना सेठ किसी भी कीमत पर अपने बेटे को उसके पापा यानी अपने पति वेंकट से नहीं मिलने देना चाहती थी, इसीलिए वो बार-बार बेंगलुरु से भाग रही थी। उसने एक हफ्ते में दो बार गोवा का ट्रिप किया और दूसरी में उसने अपने बेटे की हत्या कर दी। पुलिस की मानें तो सूचना पिछली बार रविवार, 31 दिसंबर 2023 को बेंगलुरु से अपने बेटे के साथ गोवा आई और नए साल पर वो गोवा में ही रुकी।
उसने अपने लिए साउथ गोवा में एक फाइव स्टार होटल का कमरा बुक करवाया था। 5 दिन रुकने के बाद उसने 4 जनवरी को वहां से चेकआउट किया और फिर बच्चे के साथ ही बेंगलुरु लौट गई। एक खास बात ये भी रही कि 31 दिसंबर को जब सूचना अपने बच्चे को लेकर पहली बार गोवा आई, तब उसने अपने पति वेंकट से कहा कि उनके बेटे की तबीयत खराब है, इसलिए इस संडे उसके बेटे की उससे मुलाकात नहीं हो सकेगी।
साइकोलॉजिस्ट ने चेताया
सूचना सेठ कुछ भी बोलने को राजी नहीं है. यही वजह है कि अब पुलिस ने सूचना से सीधी पूछताछ करने की जगह उसकी साइकोलॉजिकल काउंसिंग करा रही है, ताकि वो सीने में दफन राज को बाहर निकाल सके। पुलिस ने मंगलवार, 16 जनवरी को एक साइकोलॉजिस्ट यानी मनोवैज्ञानिक की मदद से सूचना से नए सिरे से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कहानी में मनोवैज्ञानिक की एंट्री के बावजूद उसने खुल कर किसी भी बात का जवाब नहीं दिया।
तब मनोवैज्ञानिक ने अपना सेशन पूरा होने के बाद पुलिस को ये सुझाव दिया कि वो सूचना से कत्ल के राज उगलवाने में कोई जल्दी ना करे, बल्कि उसको नॉर्मल होने और खुलने का इंतजार करें, ताकि वो खुल कर अपने दिल की बात कह सके। मनोवैज्ञानिक ने पुलिस से ये भी कहा कि यदि पूछताछ के मामले में जल्दबाजी दिखाई गई तो बहुत मुमकिन है कि सूचना अपने-आप किसी ‘अदृश्य खोल’ में बंद कर ले।
पुलिस पूछताछ में बरतेंगे सावधानी
यदि ऐसा हुआ त उससे कत्ल से जुड़ा कोई भी नया राज जानना मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि अब पुलिस उसकी साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग भी किसी थाने में करने की बजाय गोवा के ही बंबोलिम इलाके में मौजूद इंस्टीट्यूट ऑफ सायकोलॉजिकल हेल्थ एंड हम्यूमन बिहेवियर में कर रही है, ताकि उसे एक अलग माहौल दिया जा सके। इस नए सुझाव के बाद अब गोवा पुलिस ने सूचना से पूछताछ के मामले में फूंक-फूंक कर क़दम रखने का फ़ैसला किया है।
पुलिस बंद कमरे में इस कत्ल का राज इस केस की इकलौती चश्मदीद और हत्यारोपी यानी सूचना सेठ (Suchana Seth Case) से ही जानना चाहती है, ताकि मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाई जा सके और उसके खिलाफ़ एक मज़बूत केस तैयार हो। कुछ इसी इरादे से गोवा पुलिस अभी आने वाले दिनों में मनोवैज्ञानिक के सहारे से सूचना से संवाद स्थापित करने यानी बातचीत करने की कोशिश करेगी, ताकि उसे नॉर्मल किया जा सके।