Surrender Naxali : बीजापुर से बड़ी खबर…! 30 लाख के 8 इनामी माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण…! महिला नक्सलियों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

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बीजापुर, 21 अगस्त । Surrender Naxali : राज्य में नक्सल उन्मूलन के अभियान को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर पुलिस की प्रभावी रणनीति और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत कुल 8 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन पर कुल 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

एसपी रोबिनसन गुड़िया की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करने वालों में 6 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में शीर्ष कैडर के माओवादी जैसे डीवीसीएम, पीपीसीएम, एसीएम, पार्टी सदस्य और सप्लाई टीम के सदस्य शामिल हैं।

आत्मसमर्पित नक्सलियों के खुलासे

डीवीसीएम डॉक्टर सुखलाल जुर्री ने पूछताछ के दौरान बताया, “शीर्ष कैडर के माओवादी आदिवासियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। जल, जंगल और जमीन के नाम पर झूठे सपने दिखाकर बस्तर के लोगों को ग़ुलाम बनाते हैं।” महिला नक्सली कमला गोटा (एसीएम) ने माओवादी संगठन की सच्चाई उजागर करते हुए कहा, “संगठन में स्थानीय आदिवासी नक्सलियों का शोषण होता है। लेकिन महिलाओं की स्थिति और भी भयावह है। उनका मानसिक और शारीरिक शोषण किया जाता है। शहरों और विदेशों में बसाने का झांसा देकर उनका निजी दासी की तरह उपयोग किया जाता है।”

आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकार की ओर से राहत

राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसके साथ ही उन्हें पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

आत्मसमर्पित नक्सलियों की सूची

क्र.नामपदइनाम राशि
1सुखलाल जुर्री (33)डीवीसीएम डॉक्टर₹8 लाख
2हुर्रा उर्फ हिमांशू मिडियाम (25)पीपीसीएम, पिडिया एलओएस₹8 लाख
3कमला गोटा (32)एसीएम, जाटलूर एलओएस₹5 लाख
4राजू पोडियाम उर्फ सुनील (33)एसीएम, कोतरी एलओएस डिप्टी कमांडर₹5 लाख
5दीपा पुनेमपार्टी सदस्य, डॉक्टर टीम₹1 लाख
6मनीराम कोर्राम (20)कंपनी 01 सदस्य₹1 लाख
7सुक्कू फरसा उर्फ नागेश (18)कुतुल एलओएस सदस्य₹1 लाख
8रामू राम पोयाम (23)सप्लाई टीम सदस्य₹1 लाख

2025 में अब तक 148 नक्सली कर चुके हैं आत्मसमर्पण

इस साल जनवरी से अब तक कुल 148 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो कि सुरक्षा बलों और सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। बस्तर में शांति बहाली की दिशा में यह आत्मसमर्पण मील का पत्थर साबित हो सकता है।