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नई दिल्ली, 02 अक्टूबर। Surya Grahan 2024 : साल का दूसरा व अंतिम सूर्य ग्रहण बुधवार, 2 अक्टूबर यानी कल लगने वाला है। यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगने वाला है। इस सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के मन में बहुत से सवाल हैं। जैसे- सूर्य ग्रहण कब और कहां दिखेगा? क्या भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा? आइए आज आपको ऐसे सभी सवालों के जवाब विस्तार से देते हैं।

भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर दिखाई देगा।

इतने बजे दिखेगा सूर्य ग्रहण

भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 09.12 बजे शुरू होगा। सूर्य ग्रहण का मध्य काल रात्रि 12.15 बजे होगा। जबकि सूर्य ग्रहण का समापन 3 अक्टूबर की रात 03.17 बजे होगा।

क्या भारत में लगेगा सूतक काल? 

शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लागू हो जाता है। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है। इस दिन न तो मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और न ही पूजा-पाठ आदि में कोई विघ्न होगा। आपके दैनिक कार्यों में भी किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।

खगोलविदों की मानें तो जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं और चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहंच पाती हैं। नतीजन पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है। इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

सूर्य ग्रहण के चलते ऐसा होगा श्राद्ध

शास्त्रों के अनुसार, अगर इसी दिन सूर्य ग्रहण पड़ता है, तो धार्मिक दृष्टिकोण से इसका प्रभाव विशेष माना जा सकता है। आमतौर पर हिंदू धर्म में ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। कहते हैं कि ग्रहण के समय किया गया कोई भी धार्मिक कार्य अशुद्ध या निष्फल हो सकता है। इसलिए इस दौरान श्राद्धकर्म करना अनुचित मानते हैं। ग्रहण के समाप्त होने के बाद शुद्धिकरण के उपरांत श्राद्ध किया जा सकता है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने वाला है। इसलिए श्राद्धकर्म में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। आप इच्छानुसार किसी भी वक्त पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं।

ग्रहण काल में क्या नहीं करना चाहिए 

1. ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिर में पूजा-पाठ न करें। देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श न करें।
2. सूतक काल लगने के बाद घर में भोजन न पकाएं। बल्कि सूतक काल से पहले घर में रखे खाने में तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें।
3. ग्रहण की अवधि में भोजन ग्रहण न करें. इस दौरान क्रोध न करें। इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव अगले 15 दिनों तक रह सकता है।
4. ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए। इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी रहती हैं।
5. सूतक काल शुरू होने के बाद नए या शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है।
6. ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के बाद तुलसी के पौधे को न छुएं। नुकीले या धारदार उपकरणों के प्रयोग से भी बचें।

ग्रहण काल में क्या करना चाहिए?

1. ग्रहण के दौरान भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए, जो कि दस गुना फलदायी माना जाता है।
2. ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके, गरीबों का दान देना चाहिए।
3. ग्रहण (Surya Grahan 2024) के बाद पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है।
4. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।