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मुंबई, 8 मार्च| Tanushree-Nana Patekar metoo Mamla : बॉलीवुड एक्टर नाना पाटेकर बीते 7 साल पहले ‘मीटू’ का शिकार हो गए थे। नाना पाटेकर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था और एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने खुलकर गंभीर आरोप लगाए थे। कुछ समय सुर्खियों में रहने के बाद ये मामला ठंडा पड़ गया था। लेकिन अब 7 साल बाद एक बार फिर से ये चर्चा में आ गया है। हाल ही में कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए नाना को आरोपों से बरी कर दिया है।

नाना पाटेकर के लिए ये खुशखबरी है। दरअसल नाना पाटेकर को कोर्ट से राहत दी गई थी। लेकिन इस फैसले को तनुश्री दत्ता ने मुंबई की एक अदालत में फिर से चुनौती दी थी। नाना की इस राहत को लेकर तनुश्री दत्ता ने याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया (Tanushree-Nana Patekar metoo Mamla)है। इस याचिका का खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘2008 के आरोप समय-सीमा पार कर चुके हैं और 2018 की घटना के लिए पाटेकर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।’

तनुश्री दत्ता को लगा झटका

वहीं याचिका खारिज हो जाने के बाद एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता को झटका लगा है। बता दें कि तनुश्री और नाना पाटेकर का ये विवाद काफी सुर्खियों में रहा था। इस विवाद की शुरुआत साल 2018 में हुई थी जब मीटू नाम के एक ग्लोबल कैंपेन का तूफान आया (Tanushree-Nana Patekar metoo Mamla) था। हॉलीवुड से शुरू हुआ ये ट्रेंड महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न को बोलने का मंच प्रोवाइड कराने के लिए शुरू किया गया था।

जब इस कैंपेन की आग भारत में फैली तो यहां की हीरोइन्स ने भी इसमें हिस्सा लिया और अपने अनुभव शेयर किए थे। इसी दौरान तनुश्री दत्ता ने भी साल 2008 में फिल्म की शूटिंग के दौरान ह्रासमेंट के आरोप लगाए थे। इस बयान के बाद पुलिस में भी मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी और नाना पाटेकर को राहत दी गई थी।

 फिर से दायर की थी याचिका

इसके बाद तनुश्री दत्ता ने एक बार फिर से नाना पाटेकर को कोर्ट द्वारा दी गई राहत के फैसले को चुनौती देते हुए मुंबई की एक अदालत में अपील की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। जिसमें नाना पाटेकर को फिर से राहत मिली (Tanushree-Nana Patekar metoo Mamla)है और तनुश्री की याचिका खारिज कर दी गई है।

बता दें कि मीटू कैंपेन के समय भारत में भी इसकी खबरें देखने को मिली थीं। कई महिलाओं ने आगे आकर अपने साथ हुए शारीरिक ह्रांसमेंट के एक्सपीरियंस शेयर किए थे। जिसके बाद काफी बवाल भी देखने को मिला था। अब तनुश्री दत्ता की याचिका खारिज हो जाने के 7 साल बाद ये मामला फिर से एक बार चर्चा में है।