रायपुर, 06 जनवरी| Tourism Development Bastar Region : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में बस्तर क्षेत्र में विकास की रफ्तार तेज हो गई है और इसका ताजा उदाहरण नेशनल हाईवे 30 पर स्थित केशकाल घाटी है। केशकाल घाटी को बस्तर की लाइफ लाइन के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस घाटी से ही होकर बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों एवं ओड़िसा, आंध्रप्रदेश सहित तेलंगाना तक पहुँचा जाता है।
नेशनल हाईवे पर स्थित केशकाल घाटी प्रमुख मार्ग होने के साथ साथ बस्तर क्षेत्र के व्यवसायिक विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। आज से दो महीने पहले यह घाटी जर्जर स्थिति में थी इस कारण यहाँ से गुजरने वाले लोग धुल एवं लम्बी जाम से परेशान (Tourism Development Bastar Region)थे। इसे ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने घाटी की कायाकल्प के लिए कार्य योजना तैयार किया, फलस्वरूप आज घाटी पूरी तरह से बन कर तैयार है और गाड़ियाँ घाटी से फर्राटे भर रही हैं।
केशकाल घाट में मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद बीते शुक्रवार को सुबह सभी प्रकार के वाहनों के आवाजाही बहाल हो गई है। घाटी के नवीनीकरण से यातयात में सुगमता आएगी, साथ ही इससे क्षेत्र के पर्यटन स्थलों को भी बढ़ावा मिलेगा।
घाटी के दीवारों के वॉल पेंटिंग बना आकर्षण का केंद्र
केशकाल घाटी मरम्मत कार्य के साथ-साथ घाटी के दीवारों पर बस्तर की संस्कृति, कला, पर्यटन को चित्रित किया गया है, जिससे घाटी आकर्षण का केंद्र बन गया है। घाटी को अब लोग फूलों की घाटी के नाम के साथ-साथ अब खुबसूरत वॉल पेंटिंग के लिए भी जाना (Tourism Development Bastar Region)जाएगा।
बस्तर में कई खुबसूरत पर्यटन स्थल है और कांकेर जिले के पर्यटन स्थलों को निहारने के बाद पर्यटक घाटी के रास्ते ही आगे की सफ़र तय करते हैं, ऐसे में जब घाटी में बने सुंदर पेंटिंग से उन्हें बस्तर की प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी के साथ जिले के शिल्पियों द्वारा बनाए कलाकृति बेलमेटल एवं आदिवासी कला व संस्कृति की महक से पर्यटक रुबरु हो पाएंगे।
टाटामारी को एडवेंचर पर्यटन के रूप में किया जाएगा विकसित
घाटी के दाहिने ओर स्थित टाटामारी हिल स्टेशन अपने खूबसूरत प्राकृतिक सुंदरता के लिए देश दुनिया में प्रसिद्ध है। आप जब घुमावदार मोड़ों वाली घाटी से यात्रा के बाद टाटामारी पहुंचेंगे तब आपकी थोड़ी बढ़ी हुई धड़कने शांत और आँखों को राहत (Tourism Development Bastar Region)मिलेगी। यहाँ की खुबसूरत नज़ारे देख कर पर्यटकों के मन में काश ये वक्त यही ठहर जाए यह बात आ ही जाती है। और हर कोई यहाँ के नाजरों को अपने मोबाईल में कैद करने से रह नहीं पाते।
यही वजह है की इस नूतन वर्ष में पर्यटक दूर-दूर से यहां की नैसर्गिक सुंदरता को निहारने के लिए पहुंच रहे हैं। यहाँ हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। वर्ष 2020 में 20 हजार 950 पर्यटकों की संख्या थी जो अब बढ़कर 01 लाख 76 हजार 682 हो गई है। यहाँ पर्यटकों के रुकने के लिए यहाँ पर उचित व्यवस्था की गई है ताकि पर्यटक टाटामारी के साथ-साथ आस पास के अन्य पर्यटन स्थलों तक भी पहुँच सकें। टाटामारी में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल भी रहा है। साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाएं यहाँ पर्यटकों को गाँव के पारंपरिक पकवान और भोजन परोसते हैं।
कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि टाटामारी में एडवेंचर्स स्पोर्ट्स की काफी संभावनाएं हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए यहां एडवेंचर्स गतिविधियों के आयोजन के लिए जिला प्रशासन द्वारा कार्य योजना बनाई जा रही है। साथ ही पर्यटकों के सुविधाओं की दृष्टि से व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए व्यूव पॉइंट, पाथ वे और वुडन कॉटेज के सुदृढ़ीकरण किया जाएगा और किड्स प्ले गार्डन में सुविधा बढ़ाई जाएगी। साथ ही नए कॉटेज का भी निर्माण किया जाएगा।