KORBA NEWS : घर में प्रसव के बाद हालत बिगड़ने पर जुड़वा बच्चों के साथ मेडिकल कालेज लाई जा रही महिला की नवजातों के साथ एंबुलेंस में ही मौत (TWINS DIED IN KORBA) हो गई। मृतका के पति ने एंबुलेंस में आक्सीजन नहीं होने को तीनों की मौत का कारण बताया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन ने बच्चों का जन्म समय से पहले होने, प्लेसेंटा नहीं गिरने और अत्याधिक रक्त स्त्राव को मौत का कारण बताया है। मामला कोरबा से 38 किलोमीटर दूर करतला विकासखंड के जोगीपाली का है। मृतका का नाम कांति राठिया है।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के करतला थाना क्षेत्र में बिहारीलाल राठिया की पत्नी कांति राठिया को सोमवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। गांव की महिलाएं प्रसव करा रहीं थीं। प्रसव तो हो गया पर प्लेसेंटा बाहर नहीं आया। स्वजन प्रसूता और जन्म लेने वाले जुड़वा बच्चों को लेकर करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।
जहां डेढ़ घंटे के प्रयास के बाद भी प्लेसेंटा बाहर नहीं आया। प्रसूता और बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ने पर तीनों को सरकारी एंबुलेंस से मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर किया गया। रास्ते में प्रसूता की सांस फूलने लगी। पति बिहारी राठिया का आरोप है कि एंबुलेंस में आक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी।
राठिया का कहना है कि यदि एंबुलेंस में आक्सीजन की व्यवस्था रहती तो पत्नी और बच्चों की जान बच सकती थी। कांति राठिया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी। कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की जवाबदारी सौंपी है। कांति का प्रसव घर में कराया जाना सवालों के घेरे में है।
प्लेसेंटा नहीं गिरने व अधिक रक्त स्त्राव से प्रसूता की मौत : सीएमएचओ डा. एसएन केसरी ने बताया कि जुड़वा बच्चों का जन्म समय से पहले हुआ था। स्थिति जटिल थी। प्लेसेंटा भी बाहर नहीं आया था। सामुदायिक केंद्र में आपरेशन करने की व्यवस्था नहीं थी। मां और बच्चों को मेडिकल कालेज अस्पताल के लिए रेफर किया गया। तीनों को आक्सीजन के साथ एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। समय से पहले जन्म के कारण बच्चों व अधिक रक्त स्त्राव की वजह से प्रसूता की मौत हुई है।
क्या है प्लेसेंटा : प्लेसेंटा गर्भावस्था के दौरान महिला के गर्भ में तैयार हुआ एक अस्थायी अंग होता है। यह गर्भाशय की दीवार से जुड़ता है और गर्भनाल के माध्यम से बच्चे को पोषक तत्व और आक्सीजन देता है। गर्भ में मौजूद बच्चा गर्भनाल द्वारा प्लेसेंटा से जुड़ा होता है। प्लेसेंटा और गर्भनाल मिलकर गर्भाशय में बच्चे की जीवन रेखा के रूप में कार्य करते हैं। प्लेसेंटा की कुछ स्थितियां गर्भावस्था की जटिलताओं का कारण बन सकती हैं। बच्चे के जन्म लेने के तुरंत बाद प्लेसेंटा बाहर आ जाता है।