नई दिल्ली, 25 अगस्त। Unified Pension Scheme : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन प्रदान करना है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। केंद्र सरकार के कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में से किसी एक को चुन सकेंगे। इसके अलावा मौजूदा केंद्र सरकार के NPS का लाभ पाने वालों के पास UPS में स्विच करने का विकल्प भी होगा। इतना ही नहीं, राज्य सरकारों के पास भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम को अपनाने का ऑप्शन होगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को अप्रूवल दे दिया है। इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। इस स्कीम का भार कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा। यूपीएस को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा, तब तक इसके लिए संबंधित नियमों को बनाने का काम किया जाएगा।
5 पॉइंट में समझें UPS
सुनिश्चित पेंशन : इस योजना के तहत 25 साल नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के पहले के आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन के रूप में मिलेगा। इससे कम वक्त यानी (10 साल से अधिक और 25 साल से कम) तक किसी कर्मचारी ने नौकरी की है तो रकम भी उसी हिसाब से कैल्कुलेट होगी।
सुनिश्चित फैमिली पेंशन
अगर किसी कर्मचारी की नौकरी में रहते हुए मौत हो जाती है, तो उसके परिवार (पत्नी) को 60 फ़ीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा।
सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत 10 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट पर कर्मचारी को 10,000 रुपये की मासिक न्यूनतम पेंशन मिलेगी।
महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ
यूपीएस के तहत कर्मचारियों को महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा। मतलब महंगाई के हिसाब से डियरनेस रिलीफ (DR) का पैसा मिलेगा, जो कि ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) पर आधारित होगा।
एकमुश्त भुगतान
ग्रैच्युटी के अलावा रिटायरमेंट पर एकमुश्त रक़म दी जाएगी। इसका कैल्कुलेशन कर्मचारियों के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के रूप में किया जाएगा। इस रकम से एम्प्लॉई की एश्योर्ड पेंशन पर कोई असर नहीं होगा।
केंद्र सरकार और कर्मचारी का योगदान
पीटीआई के मुताबिक यूपीएस के तहत पेंशन में केंद्र सरकार का योगदान मौजूदा 14% से बढ़कर 18% हो जाएगा, जबकि कर्मचारियों का योगदान 10 प्रतिशत ही रहेगा।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कुछ केंद्रीय कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. वे बैठक में यूपीएस के समर्थन में थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने सरकारी पेंशन योजना की समीक्षा करने और अपडेट का प्रस्ताव देने के लिए एक समिति का नेतृत्व किया था। समिति का गठन तब किया गया था, जब कुछ गैर-भाजपा राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने का फैसला किया था।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। इस समिति ने विभिन्न संगठनों और लगभग सभी राज्यों के साथ 100 से अधिक बैठकें कीं। पीएम मोदी और विपक्ष के काम करने के तरीके में अंतर है। विपक्ष के विपरीत पीएम मोदी व्यापक विचार-विमर्श करने में विश्वास करते हैं।
यहां ये जानना भी जरूरी है कि ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में क्या फर्क है।
ओल्ड पेंशन स्कीम में सुविधाएं
- ओपीएस में रिटायर्ड कर्मचारी को अनिवार्य पेंशन का प्रावधान
- रिटायरमेंट के समय मूल वेतन का 50 फीसदी हिस्सा
- रिटायरमेंट के बाद भी महंगाई भत्ता का लाभ
- 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी की रमक
- पेंशन का सारा पैसा सरकार देती थी
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में प्रावधान
- ओपीएस में रिटायर्ड कर्मचारी को अनिवार्य पेंशन का प्रावधान
- सरकारी कर्मचारी को नौकरी के आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन
- महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा
-रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा पैसा मिलेगा - यूपीएस के तहत सारा पैसा सरकार देगी
बैठक में 3 योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी
इसके साथ ही कैबिनेट ने तीन मौजूदा योजनाओं को जारी रखने को मंजूरी दे दी है, जिन्हें अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के तहत ‘विज्ञान धारा’ नाम से एक नई केंद्रीय योजना में मर्ज कर दिया गया है। इस योजना में 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 10,579.84 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट है। इसके अलावा सरकार ने बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ‘BioE3 पॉलिसी’ को भी मंजूरी दी है। इस नीति का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों में रिसर्च, डेवलपमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप का समर्थन कर बायो मैन्युफैक्चिंग को बढ़ावा देना है।