रायपुर, 03 मई। Wakf Board : छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसके तहत प्रदेश में निकाह पढ़ाने के लिए मौलवी, हाफिज और ईमाम अब 1,100 रुपये से अधिक शुल्क नहीं ले सकेंगे। इस आदेश के अनुसार, निकाह पढ़ाने के लिए इन धार्मिक नेताओं को 11 रुपये से लेकर अधिकतम 1,100 रुपये तक ही शुल्क लिया जा सकेगा।
वक्फ बोर्ड के इस कदम का उद्देश्य निकाह के मामलों में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करना है। इससे पहले, निकाह पढ़ाने के लिए शुल्क की कोई निश्चित सीमा नहीं थी, जिसके कारण कुछ मामलों में अत्यधिक शुल्क वसूली की शिकायतें सामने आई थीं।
नए आदेश के तहत, सभी मस्जिदों के मुतवल्लियों को इस शुल्क संरचना का पालन करना अनिवार्य होगा। यदि कोई मौलवी, हाफिज या ईमाम इस सीमा से अधिक शुल्क लेता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्णय राज्य में धार्मिक सेवाओं की पारदर्शिता को बढ़ावा देने और आम जनता को उचित मूल्य पर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जताई खुशी
इस्लाम में निकाह एक कानूनी करार है, जो मौलवी और इमाम के जरिये पढ़ाया जाता है। इसमें नया बदलाव करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के इस फैसले से मुस्लिम समुदाय खुश है और फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने (Wakf Board) मुसलमानों के हित में फैसला लिया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और मध्यम वर्ग के मुसलमान परिवारों को होगा। साथ ही लव जिहाद के मामलों पर भी रोक लगेगी।
