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Jagannath Rath Yatra 2025: Religious and cultural festival Jagannath Rath Yatra...! Bring these auspicious things home... you will get a lot of wealth and fame
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Jagannath Rath Yatra 2025 : धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व जगन्नाथ रथ यात्रा…! घर लाएं ये शुभ चीजें…खूब मिलेगा धन और यश

रायपुर, 11 जून। Jagannath Rath Yatra 2025 : जगन्नाथ रथ यात्रा, जो हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, इस वर्ष 27 जून, शुक्रवार को प्रारंभ होगी। यह यात्रा उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलराम और बहन सुभद्राजी के रथों के साथ निकलती है। रथ यात्रा की प्रमुख तिथियां स्नान पूर्णिमा (Snan Purnima) : 12 जून 2025 – इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्राजी का 108 कलशों से पवित्र स्नान कराया जाता है। इसके बाद वे 15 दिनों के लिए ‘अनवसरा’ में रहते हैं, यानी दर्शन के लिए बंद रहते हैं। गुण्डिचा माजन (Gundicha Marjana) : 26 जून 2025 – रथ यात्रा से एक दिन पहले, भक्तगण गुण्डिचा माता के मंदिर की सफाई करते हैं, जो भगवान की ‘मौसी’ का घर माना जाता है। रथ यात्रा (Rath Yatra) : 27 जून 2025 – भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन अपने रथों पर सवार होकर पुरी के मुख्य मार्ग ‘बड़ा डंडा’ से होते हुए लगभग 3 किलोमीटर दूर गुण्डिचा मंदिर जाते हैं। बहुदा यात्रा (Bahuda Yatra) : 28 जून 2025 – रथ यात्रा के 9 दिन बाद, भगवान अपने रथों पर वापस पुरी लौटते हैं। सुन बेशा (Suna Besha) : 5 जुलाई 2025 – भगवान को सोने के आभूषणों से सजाया जाता है। नीलाद्रि विजय (Niladri Vijay) : 5 जुलाई 2025 – भगवान के पुरी लौटने के बाद, देवी लक्ष्मी उन्हें रसमलाई अर्पित करती हैं, जो उनके स्वागत का प्रतीक है। रथ यात्रा का धार्मिक महत्व रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ के अपने ‘मौसी’ के घर जाने की परंपरा का प्रतीक है। यह यात्रा भगवान के दर्शन के लिए लाखों भक्तों को एकत्रित करती है। श्रद्धालु रथों को खींचकर पुण्य अर्जित करते हैं और यह विश्वास करते हैं कि इस यात्रा में भाग लेने से जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। तीन प्रमुख रथ नंदीघोष : भगवान जगन्नाथ का रथ। तलध्वज : भगवान बलराम का रथ। दर्पदलन : देवी सुभद्राजी का रथ। इन रथों को विशेष रूप से नीम और हंसी की लकड़ी से बनाया जाता है और इनकी सजावट में पारंपरिक ओडिशा कला का समावेश होता है। रथ यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, एकता और भक्ति का भी प्रतीक है। घर लाएं ये शुभ चीजें निर्माल्य : निर्माल्य को भगवान जगन्नाथ की आशीर्वाद के रूप में माना जाता है। यह न केवल एक धार्मिक प्रतीक है, बल्कि ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है। श्रद्धालु इसे घर में पूजा स्थल पर रखते हैं, ताकि घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे। रथ की लकड़ी का टुकड़ा : जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए रथ नीम की लकड़ी से बनाए जाते हैं। ऐसे में यात्रा पूरी होने के बाद इन रथ की लकड़ियों से छोटे से अंश भक्तों को दिए जाते हैं। रथ की लकड़ी का टुकड़ा घर में लाने से जीवन में खुशहाली आती है। भगवान जगन्नाथ की तस्वीर : अगर आप रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहें हैं, तो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की छोटी प्रतिमा या तस्वीर घर लेकर आ सकते हैं। तस्वीरें लाने के बाद नियमित रूप से उनकी पूजा करें. मान्यता है कि इससे भगवान की कृपा मिलती है। तुलसी की माला : भगवान जगन्नाथ भगवान विष्णु के ही रूप माने गए हैं। वहीं, भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ज्यादा प्रिय है। ऐसे में पुरी रथ यात्रा के दौरान तुलसी की माला जरूर लानी चाहिए। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है। महाप्रसाद : पुरी मंदिर (Jagannath Rath Yatra 2025) के महाप्रसाद को अन्न ब्रह्म के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस महाप्रसाद को घर में लाने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वद मिलता है। पुरी रथ यात्रा की तैयारी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। यह यात्रा 27 जून 2025 को प्रारंभ होगी और 5 जुलाई 2025 तक चलेगी। इस अवसर पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सुरक्षा व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इस बार आईआईटी, आईआईएम और अन्य प्रमुख संस्थानों के छात्र इस वर्ष रथ यात्रा में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। वे आयोजन की लॉजिस्टिक्स, प्रशासन और प्रौद्योगिकी में सहायता प्रदान कर रहे हैं। ‘श्री जगन्नाथ धाम’ मोबाइल ऐप के माध्यम से श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन और जानकारी प्रदान की जा रही है। यातायात और सुविधा व्यवस्थाएं ओडिशा सरकार ने रथ यात्रा के दौरान बस ऑपरेटरों से अधिक शुल्क न लेने की अपील की है। इसके लिए परिवहन अधिकारियों और पुलिस द्वारा संयुक्त निरीक्षण टीमें गठित की गई हैं। मुख्य मार्गों पर लगभग 100 मुफ्त ऑटो-रिक्शा सेवाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी। पुरी रथ यात्रा के दौरान ‘दाहुका बोली’ का आयोजन होता है, जिसमें रथ के चालक विशेष गीत गाते हैं। यह परंपरा ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और रथ की गति को नियंत्रित करने का भी एक तरीका माना जाता है। पुरी रथ यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह ओडिशा की सांस्कृतिक विविधता और एकता का भी प्रतीक है। इसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं और यह आयोजन वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है।

Brahma Muhurta: These dreams seen during Brahma Muhurta are considered auspicious...! See here
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Brahma Muhurta : ब्रह्म मुहूर्त में देखे गए ये सपने माने जाते हैं शुभ…! यहां देखें

डेस्क रिपोर्ट, 03 जून। Brahma Muhurta : ब्रह्म मुहूर्त, जो सुबह 4:00 से 5:30 बजे तक का समय होता है, को भारतीय संस्कृति में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। इस समय का संबंध न केवल धार्मिक अनुष्ठानों से है, बल्कि यह मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक जागृति के लिए भी महत्वपूर्ण है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में देखे गए कुछ विशेष सपने जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का संकेत देते हैं। ब्रह्म मुहूर्त का समय दिन की शुरुआत से पहले का होता है, जब वातावरण में शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह समय ध्यान, साधना और आत्मनिरीक्षण के लिए उपयुक्त माना जाता है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, इस समय में देखे गए सपने विशेष रूप से प्रभावशाली होते हैं और व्यक्ति के भविष्य से जुड़े संकेत प्रदान करते हैं। 1. पानी से भरा घड़ा यदि ब्रह्म मुहूर्त में सपने में पानी से भरा हुआ घड़ा दिखाई दे, तो यह धन लाभ और समृद्धि का संकेत है। यह सपना यह भी दर्शाता है कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने वाले हैं। 2. नदी में स्नान करना सपने में खुद को किसी पवित्र नदी में स्नान करते देखना, विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में, शुभ माना जाता है। यह सपना मानसिक शांति, उधारी से मुक्ति और करियर में सफलता का संकेत देता है। 3. अनाज का ढेर सपने में अनाज का ढेर देखना, विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में, आर्थिक समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। यह सपना यह भी दर्शाता है कि व्यक्ति के जीवन में कोई लंबित कार्य पूरा होने वाला है। 4. दीपक का जलना सपने में दीपक का जलना, विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में, जीवन में अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का संकेत है। यह सपना मानसिक विकास, आत्मविश्वास और समस्याओं के समाधान का प्रतीक है। ब्रह्म मुहूर्त में जागरण का महत्व ब्रह्म मुहूर्त में जागरण और ध्यान से मानसिक शांति मिलती है और दिनभर की चुनौतियों का सामना करने की ऊर्जा मिलती है। यह समय आत्मनिरीक्षण, प्रार्थना और सकारात्मक सोच के लिए उपयुक्त है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, इस समय में देखे गए सपने व्यक्ति के मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति को दर्शाते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में (Brahma Muhurta) देखे गए शुभ सपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन, धन लाभ और समृद्धि का संकेत देते हैं। इन सपनों को शुभ मानकर व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मकता और आस्था बनाए रखनी चाहिए। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति अपने कर्मों और प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करे, क्योंकि सपने केवल संकेत होते हैं, वास्तविकता कर्मों पर निर्भर करती है।

Effect of Vastu Shastra: Keeping money in the wrong direction can cause financial loss...see auspicious direction and place here
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Effect of Vastu Shastra : गलत दिशा में पैसे रखने से हो सकते हैं आर्थिक नुकसान…यहां देखें शुभ दिशा और स्थान

डेस्क रिपोर्टर, 22 मई। Effect of Vastu Shastra : वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पैसों को रखने की दिशा और स्थान का सीधा प्रभाव आपकी आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। यदि आप पैसों को गलत दिशा या स्थान पर रखते हैं, तो यह आपकी कमाई और समृद्धि पर नकारात्मक असर डाल सकता है। आइए जानते हैं कि घर में पैसों को कहां और कैसे रखना चाहिए ताकि आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहे। घर में पैसों को रखने के लिए शुभ दिशा दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य कोण) : वास्तु शास्त्र के अनुसार, पैसों की तिजोरी या कैश बॉक्स को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। इस दिशा में रखने से घर में पैसों की कमी नहीं होती और आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है। उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) : यह दिशा भी पैसों को रखने के लिए शुभ मानी जाती है। यहां रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन की वृद्धि होती है। गलत दिशा में पैसों को रखने से होने वाले नुकसान उत्तर-पश्चिम दिशा : इस दिशा में पैसों को रखने से घर में धन की कमी हो सकती है और आर्थिक संकट आ सकते हैं। उत्तर-पूर्व दिशा : इस दिशा में पैसों को रखने से धन की हानि हो सकती है और आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। पैसों को रखने के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें अव्यवस्थित स्थान पर न रखें : पैसों को हमेशा साफ-सुथरे और व्यवस्थित स्थान पर रखें। अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। फटे-पुराने नोटों से बचें : पैसों में फटे या पुराने नोट रखने से धन की ऊर्जा में बाधा उत्पन्न होती है। धारदार वस्तुओं से बचें : पैसों के साथ धारदार वस्तुएं जैसे चाकू, कैंची आदि नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि यह आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। आर्थिक समृद्धि के लिए अतिरिक्त उपाय मनी प्लांट या तुलसी का पौधा लगाएं : घर में मनी प्लांट या तुलसी का पौधा लगाने से धन का आगमन बढ़ता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। श्रीयंत्र या गोमती चक्र रखें : तिजोरी में श्रीयंत्र या गोमती चक्र रखने से धन की स्थिरता बनी रहती है और आर्थिक समृद्धि बढ़ती है। यदि आप इन वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों (Effect of Vastu Shastra) का पालन करते हैं, तो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। याद रखें, सही दिशा और स्थान पर पैसों को रखना आपके जीवन में समृद्धि और सफलता ला सकता है।