Education

MLA Dr. Sampat Agarwal: Saraswati Cycle Distribution Ceremony in Savitripur: MLA Dr. Sampat Agarwal gave the gift of empowerment to daughters, Saraswati Cycle Distribution Ceremony, MLA Dr. Sampat Agarwal attended as the chief guest, said – the path to education has become easier
Chhattisgarh, Education

MLA Dr. Sampat Agarwal : सावित्रीपुर में सरस्वती सायकिल वितरण समारोह: विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने बेटियों को दी सशक्तिकरण की सौगात, सरस्वती सायकिल वितरण समारोह, विधायक डॉ संपत अग्रवाल मुख्य अतिथि रूप में हुए शामिल,बोले-शिक्षा की राह हुई आसान

बसना, 16 अक्टूबर। MLA Dr. Sampat Agarwal : शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सावित्रीपुर में आयोजित सरस्वती सायकिल वितरण समारोह ने शिक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की। इस गरिमामय अवसर पर बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह सायकिल केवल एक साधन नहीं, बल्कि बेटियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने का माध्यम है। यह सरकार की दूरदर्शी सोच का हिस्सा है, जिससे ग्रामीण छात्राओं को शिक्षा की राह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है और बेटियों को सशक्त बनाना राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने छात्राओं से मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करने का आह्वान किया और आश्वासन दिया कि वे क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। सायकिल वितरण के दौरान विधायक ने छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि अब आपको विद्यालय आने-जाने में कठिनाई नहीं होगी। आप अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगी। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से भी अपील की कि वे छात्राओं को बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान करें ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें। यह आयोजन न केवल एक सरकारी योजना का क्रियान्वयन था, बल्कि विधायक डॉ. संपत अग्रवाल की जनसेवा और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण भी रहा। कार्यक्रम में विद्यालय परिवार, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिकों की उपस्थिति ने इसे एक जनउत्सव का रूप दे दिया। सायकिल वितरण समारोह में जनपद अध्यक्ष ऊषा पुरुषोत्तम धृतलहरें, वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश चंद्र अग्रवाल, बरिहा सरपंच कमल सिंह, उपसरपंच माधव रात्रे, शाला समिति अध्यक्ष केतब बारिक, शाला समिति मिडिल स्कूल अध्यक्ष गोकुलानंद प्रधान, पूर्व सरपंच मलीनदास मानिकपुरी, पंचगण, वरिष्ठजन, स्कूल प्रबंधक , शिक्षकगण , विद्यार्थीगण सहित पालकगण उपस्थित रहे।

Rationalization Policy: The light of education has returned to the remote forest region of Swachh Bharat through the rationalization policy. The posting of teachers at Nagam School has brought enthusiasm to children, and parents have expressed gratitude.
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Rationalization Policy : युक्तियुक्तकरण नीति से स्वच्छता के सुदूर वनांचल में लौटी शिक्षा की रोशनी, नागम विद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना से बच्चों में उत्साह, अभिभावकों ने जताया आभार

रायपुर, 10 अक्टूबर। Rationalization Policy : छत्तीसगढ़ सरकार की शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की नीति से सुदूर वनांचल क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की पूर्ति होती जा रही है। युक्ति युक्तकरण के फलस्वरूप अब वनांचलों आदिवासी क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षक पदस्थ हो जाने से बच्चों की पढ़ाई गति पकड़ रही है साथ ही उनका भविष्य संवरने की नींव पड़ गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की युक्तियुक्तकरण नीति ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्ता, समानता और प्रभावशीलता की नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। इसी नीति के तहत सरगुजा जिले के लूण्ड्रा विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम नागम की शासकीय प्राथमिक शाला, जो वर्षों से शिक्षक विहीन थी, अब बच्चों की पढ़ाई की आवाज़ों से गूंज उठी है। विद्यालय में दो सहायक शिक्षकों में सुश्री ज्ञानलता लकड़ा और श्री वासुकी मिर्री की पदस्थापना के बाद अब यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। पहले जहां शिक्षक की कमी के कारण विद्यालय लगभग बंद जैसा था, अब वहीं कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। बच्चों में पढ़ाई को लेकर नया उत्साह देखने को मिल रहा है। सहायक शिक्षक ज्ञानलता लकड़ा ने बताया कि नागम के शासकीय प्राथमिक शाला में 40 बच्चे पढ़ते हैं, ये सभी बच्चे बहुत जिज्ञासु और सीखने के इच्छुक हैं। हमारा प्रयास है कि सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके। युक्तियुक्तकरण नीति की अभिभावकों ने की सराहना विद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना से अभिभावकों में खुशी की लहर है। अभिभावक ने कहा कि पहले हमारे बच्चों को पढ़ाई के लिए दूसरे गांव भेजना पड़ता था, अब गांव में ही शिक्षक आ गए हैं। इससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब हमारे बच्चे रोज स्कूल जा रहे हैं, उन्हें स्कूल में पौष्टिक मध्यान्ह भोजन मिल रहा है जिससे बच्चों का पढ़ाई में मन लगा रहा हैं। यह बदलाव हमारे गांव के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि युक्तियुक्तकरण नीति के तहत विकासखंड स्तर के सभी विद्यालयों में शिक्षकों की संतुलित तैनाती सुनिश्चित की गई है,ताकि शासकीय स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण बेहतर शिक्षा मिले और बच्चों का भविष्य सुदृढ़ हो। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की युक्तियुक्तकरण नीति ने न केवल शिक्षा व्यवस्था में संतुलन स्थापित किया है बल्कि सुदूर अंचलों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाकर सबके लिए समान शिक्षा का अधिकार के संकल्प को साकार किया है।

Sarguja: Governor Ramen Deka reached Kasturba Gandhi Girls Residential School, Rajpurikala, inspired the children to work hard and study diligently, it was announced to provide 5 computer systems to the school.
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Sarguja : कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय रजपुरीकला पहुंचे राज्यपाल रमेन डेका, कड़ी मेहनत, मन लगाकर पढ़ने बच्चों को किया प्रेरित, विद्यालय को 5 कम्प्यूटर सिस्टम प्रदान करने घोषणा की गई

रायपुर, 06 अक्टूबर। Sarguja : राज्यपाल रमेन डेका सरगुजा जिला प्रवास के दौरान सोमवार को विकासखण्ड लखनपुर के रजपुरीकला स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां बालिकाओं से मिलकर कहा कि कड़ी मेहनत से ही सफलता प्राप्त होती है। राज्यपाल डेका ने इस दौरान विद्यालय को 5 कम्प्यूटर सिस्टम प्रदान करने की घोषणा की। जब राज्यपाल डेका ने बच्चों से पूछा कि भविष्य में क्या बनना चाहती हैं, तो बच्चों ने अपनी-अपनी इच्छा जाहिर की। राज्यपाल डेका ने कहा कि आप जो सपना देख रहें हैं, उसे साकार करने के लिए कडी मेहनत करनी होगी। अपना लक्ष्य निर्धारित कर ईमानदारी के साथ आगे बढ़े, मन लगाकर पढ़ाई करें, सफलता जरूर मिलेगी।  राज्यपाल डेका ने शिक्षकों सेे कहा कि शिक्षक बच्चों को राह दिखाते हैं, इसलिए शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को समझें, बच्चों के प्रति अच्छा व्यवहार रखें। उन्होंने बच्चों को शिक्षक के साथ अच्छा व्यवहार करने, उनका आदर करने कहा। उन्होंने कहा कि हमें गिरने पर खड़े होने की ताकत शिक्षक से ही मिलेगी। इसी प्रकार उन्होंने बच्चों से कहा कि अपने माता-पिता का सम्मान करें, आवश्यकतानुसार ही मोबाईल का उपयोग करें।

Central Schools: Chief Minister Vishnu Dev Sai expressed gratitude to Prime Minister Narendra Modi and Union Education Minister Dharmendra Pradhan, expanding educational opportunities in Chhattisgarh – a new Central School will open in Arang, Raipur district.
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Central School’s : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के प्रति मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जताया आभार, छत्तीसगढ़ में शिक्षा के अवसरों का विस्तार – रायपुर जिले के आरंग में खुलेगा नया केंद्रीय विद्यालय

रायपुर, 05 अक्टूबर। Central School’s : केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने रायपुर जिले के आरंग में नए केंद्रीय विद्यालय की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री साय ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल प्रदेश के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा के अवसरों के विस्तार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय न केवल आरंग क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि आस-पास के ग्रामीण अंचलों में भी शिक्षा की नई चेतना जागृत करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी अंचलों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने, स्कूलों के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने और विद्यार्थियों को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार के समन्वित प्रयासों से छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया युग प्रारंभ हो रहा है।

National Education Policy-2020: National Education Policy 2020 is the foundation stone for building a new India, National Education Policy will act as a bridge between education and employment, one-day workshop organized on National Education Policy
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National Education Policy-2020 : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नवभारत के निर्माण की आधारशिला, राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा और रोजगार में सेतु का कार्य करेगी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

रायपुर, 19 सितम्बर। National Education Policy-2020 : पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर एवं एनईपी इम्प्लीमेंटेशन सेल द्वारा किया गया।  उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारत के भविष्य की दिशा और दशा तय करने वाला एक क्रांतिकारी कदम बताया। यह नीति 21वीं सदी के नवभारत की आधारशिला मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत को विकसित, सक्षम और श्रेष्ठ राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। मंत्री वर्मा ने कहा कि शिक्षा नीति के प्रथम चरण में हम प्रवेश कर चुके हैं और इसे सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। यह नीति केवल ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को नैतिक, मानसिक, भावनात्मक और तकनीकी दृष्टि से भी सशक्त बनाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता, समानता, समावेशिता और सुलभता सुनिश्चित करना है। नीति के तहत पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन, विषयों के बीच समन्वय, और शिक्षक प्रशिक्षण एवं शोध को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जा रहा है। साथ ही उद्योग और शिक्षा की भागीदारी को प्रोत्साहित कर युवाओं को कौशल विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।     मंत्री वर्मा ने कहा कि सरकार ने प्राध्यापकों की कमी दूर करने के लिए 700 पदों की स्वीकृति दी है। डिजिटल संसाधन, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और ई-लर्निंग सुविधाओं के विस्तार पर भी कार्य हो रहा है। मातृभाषा और स्थानीय सांस्कृतिक संदर्भों को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। विषयों की कठोर सीमाओं को समाप्त कर लचीलापन प्रदान करने के साथ ही विद्यार्थियों को सीखने की स्वतंत्रता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करना। आधुनिक तकनीक और रोजगारपरक शिक्षा को प्रोत्साहन देगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो समयबद्ध योजना बनाकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नीति के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि जीवन परिवर्तन का साधन है। इसका सफल क्रियान्वयन विद्यार्थियों को शिक्षित करने के साथ ही उन्हें सृजनशील, सामाजिक रूप से जागरूक और राष्ट्रभक्ति की भावना से परिपूर्ण बनाएगा। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का माध्यम नहीं है, बल्कि जीवन को समझने और संवारने का साधन है। इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से आने वाले समय में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और शिक्षा व्यवस्था अधिक समग्र तथा विद्यार्थी-केंद्रित होगी।  इस अवसर पर विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा की और शिक्षकों को नई शिक्षा व्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में मार्गदर्शन दिया। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों एवं शिक्षाविदों को एनईपी के क्रियान्वयन की गहन जानकारी प्रदान करना और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई दृष्टि विकसित करना रहा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इस नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों को विषयों की दीवारों से मुक्त कर विज्ञान, वाणिज्य और कला जैसे क्षेत्रों को एक साथ पढ़ने की स्वतंत्रता देना है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा में भागीदारी दर को वर्तमान 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, शोधार्थियों, तथा विभिन्न कॉलेजों से आए शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

Revenue Minister Tank Ram Verma: Providing employment to youth is the first priority of the government, AI hub and technical education will open new doors of employment in Chhattisgarh - Guru Khushwant Saheb, 60 youth got employment under 'Hum Honge Kamyaab Abhiyan' and 15 youth got employment from the district employment office.
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Revenue Minister Tank Ram Verma : युवाओं को रोजगार दिलाना सरकार की पहली प्राथमिकता, छत्तीसगढ़ में एआई हब और तकनीकी शिक्षा से खुलेगा रोजगार का नया द्वार-गुरु खुशवंत साहेब, ‘हम होंगे कामयाब अभियान‘ के तहत 60 और जिला रोजगार कार्यालय से 15 युवाओं को मिला रोजगार

रायपुर, 18 सितंबर। Revenue Minister Tank Ram Verma : स्वामी आत्मानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बलौदाबाज़ार में जिला प्रशासन की ओर से आज भव्य रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का विजन है कि प्रदेश के प्रत्येक युवा को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि कॉलेज की पढ़ाई पूरी करते ही युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है। कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता का एकमात्र रास्ता कड़ी मेहनत है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के सुरक्षित भविष्य की जिम्मेदारी लेकर सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में साढ़े 13 एकड़ में एआई हब का निर्माण किया जाएगा, जिससे युवाओं को नई तकनीकी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही उन्होंने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित आई-हब लैब की भी जानकारी युवाओं के साथ साझा की। रोजगार मेले में हम होंगे कामयाब अभियान के तहत 60 तथा जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से 15, इस प्रकार कुल 75 युवाओं को ऑफर लेटर प्रदान किए गए। मेले में कुल 1458 पदों के विरुद्ध 1300 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनके आधार पर युवाओं को उनकी योग्यता व रुचि के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवसर पर कलेक्टर दीपक सोनी, जिला पंचायत अध्यक्ष आकांक्षा जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन, जनपद अध्यक्ष सुलोचना यादव, भारत स्काउट गाइड के अध्यक्ष विजय केशरवानी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और युवा उपस्थित रहे।

CM Vishnu: Education is the key to success, service is the foundation of life, Chief Minister Sai participated in the blood donation Amritotsav 2.0 program.
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CM Vishnu : शिक्षा ही सफलता की कुंजी, सेवा ही जीवन का आधार, मुख्यमंत्री साय रक्तदान अमृतोत्सव 2.0 कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर, 17 सितम्बर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित रक्तदान अमृतोत्सव 2.0 कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा अनिवार्य है। शिक्षा केवल डिग्री या नौकरी प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का मूल आधार है। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना राज्य प्रकोष्ठ, उच्च शिक्षा विभाग एवं पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा सेवा पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में प्रदेशभर के महाविद्यालयों में रक्तदान सहित विविध गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। मुख्यमंत्री साय ने रक्तदान कर रहे युवाओं से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि रक्तदान न केवल जीवन रक्षा का माध्यम है, बल्कि रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह सबसे बड़ा दान है, जिसे बार-बार किया जा सकता है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है और विद्यार्थियों को उपलब्ध सुविधाओं का पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज और वन संपदा सहित अनेक क्षेत्रों में समृद्ध है। ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ की पहचान पूरे देश में है। नक्सलवाद जैसी बाधाओं को सुरक्षा बलों के साहस और निरंतर अभियानों से समाप्त किया जा रहा है। जल्द ही बस्तर में विकास की गंगा बहेगी और एक विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा। उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि युवाओं का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उच्च शिक्षा विभाग में 700 पदों पर भर्ती की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने एनएसएस को समाज को जोड़ने वाला सशक्त विचार बताया। कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सेवा का भाव निहित है और रक्तदान सबसे बड़ा दान है। सरकार का लक्ष्य युवाओं को शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराते हुए उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है। सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सेवा जीवन का सार है। रक्तदान या शिक्षा—किसी भी माध्यम से सेवा जीवन को यशस्वी बनाती है। कार्यक्रम में आयुक्त उच्च शिक्षा संतोष देवांगन, कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ल, राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. नीता बाजपेयी, कुलसचिव प्रो. अम्बर व्यास सहित बड़ी संख्या में एनएसएस स्वयंसेवक विद्यार्थी उपस्थित थे।

CM Vishnu: Chief Minister Vishnudev Sai gave a big gift of 24 new hostel buildings to the district, approved Rs 41 crore 59 lakh for the construction of 24 new hostel buildings, construction work will start soon.
Chhattisgarh, Education

CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी जिले को 24 नए छात्रावास भवनों की बड़ी सौगात, 24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए  41 करोड़ 59 लाख रुपए की दी मंजूरी, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

रायपुर, 16 सितंबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को 24 नए छात्रावास भवनों की बड़ी सौगात दी है।  शिक्षा और विद्यार्थियों के हित में निर्णय लेते हुए अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए जिले के विभिन्न विकासखंडों एवं ग्रामों में नए छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी है। छात्रावास भवनों के निर्माण से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा क्योकि विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों और वंचित वर्गों के छात्रों को एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिलेगा । जिले में 24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए  41 करोड़ 59 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने छात्रावास भवनों के निर्माण में पूर्ण गुणवत्ता और समयसीमा का पालन करने निर्देश दिए हैं। निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी के लिए विभागीय अधिकारियों और सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया है। छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए मंजूरी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित आवासीय सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। जिले में नए छात्रावास भवन निर्माण के लिए पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास जशपुर के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास लोदाम के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पैकु के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास मनोरा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बगीचा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास रौनी के लिए 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल के लिए 2 करोड़ 89 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास पतराटोली के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास भवन दुलदुला  के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए की स्वीकृति जारी की गई है।  इसी प्रकार प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दुलदुला 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कुनकुरी वार्ड 2 में 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पंडरीपानी 1 करोड़ 92 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास तपकरा 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास लवाकेरा 1 करोड़ 53 लाख रूपए की स्वीकृति शामिल हैं। प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पंडरीपानी 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बटाईकेला 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा 1 करोड़ 53 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बागबहार 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास भवन गाला के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है,जिसका निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा। जर्जर भवन से विद्यार्थियों को मिलेगी मुक्ति, सर्व सुविधायुक्त भवन का किया जाएगा निर्माण इन छात्रावास भवनों के बन जाने से जशपुर जिले के हजारों छात्र-छात्राओं को सुरक्षित और आधुनिक आवासीय सुविधा मिलेगी। खासतौर पर आदिवासी एवं सुदूर अंचल के बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ रहने और भोजन की सुविधा भी बेहतर ढंग से उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जिले वासियों ने जताया आभार जिले के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणा,  विद्यार्थियों  के अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है। उनका कहना है कि यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा और आदिवासी बच्चों के भविष्य को नई दिशा प्रदान करेगा।

Rationalization: 366 teachers posted in Durg district
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Rationalization : दुर्ग जिले में 366 शिक्षक पदांकित

रायपुर, 15 सितंबर। Rationalization : दुर्ग जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। काउंसलिंग के उपरांत 366 शिक्षकों को पदांकित किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अरविन्द कुमार मिश्रा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में युक्ति युक्तिकरण और काउंसलिंग के बाद, कुल 631 अतिरिक्त शिक्षकों की पहचान की गई थी। जिनमें 86 व्याख्याता, 01 प्र.पा.पू.मा.शाला, 329 शिक्षक, 06 प्र.पा.प्राथ.शाला एवं 209 सहायक शिक्षक शामिल है। कुल 366 शिक्षक काउंसलिंग उपरांत जिले में पंदाकित किए जा चुके हैं। जिनमें 75 व्याख्याता, 01 प्र.पा.पू.मा.शाला, 75 शिक्षक, 06 प्र.पा.प्राथ.शाला एवं 209 सहायक शिक्षक शामिल है। जबकि 17 शिक्षकों ने पदभार ग्रहण नहीं किया। जिनमें 02 व्याख्याता, 06 शिक्षक, 02 प्र.पा.प्राथ.शाला एवं 07 सहायक शिक्षक शामिल है। पदभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है और अकार्य दिवस के संबंध में पत्र भी जारी किया गया है।

DAV School: DAV School of Surguja shook humanity…! Made a class-2 student do 100 sit-ups… girl's leg muscles cracked… unable to walk
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DAV School : सरगुजा के इस स्कूल ने मानवता को झकझोर दिया…! क्लास-2 की छात्रा से 100 बार कराई उठक-बैठक…पैरों के मसल्स क्रैक…चलने-फिरने से लाचार

सरगुजा/प्रतापगढ़ 06 सितंबर। DAV School : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के प्रतापगढ़ स्थित DAV पब्लिक स्कूल से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां दूसरी कक्षा की 8 साल की छात्रा समृद्धि गुप्ता को उसकी महिला शिक्षिका ने सिर्फ टॉयलेट जाने के कारण 100 बार उठक-बैठक कराई और डंडे से मारा, जिससे बच्ची की हालत गंभीर हो गई। बच्ची की हालत बेहद नाजुक पीड़िता समृद्धि गुप्ता, DAV पब्लिक स्कूल प्रतापगढ़ की दूसरी कक्षा की छात्रा है। उसे उसकी शिक्षिका नम्रता गुप्ता ने सजा के तौर पर क्लास में 100 बार उठक-बैठक कराई। इसके बाद बच्ची के पैरों में असहनीय दर्द शुरू हुआ और वह खड़ी तक नहीं हो पा रही है। निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, पैरों के मसल्स क्रैक हो चुके हैं, और बच्ची चलने-फिरने की हालत में नहीं है। क्या हुआ था? समृद्धि जब टॉयलेट जा रही थी, तो रास्ते में शिक्षिका मोबाइल चला रही थीं। शिक्षक ने टोकते हुए पूछा कि वह कहां जा रही है। जब छात्रा ने टॉयलेट जाने की बात बताई, तो उसे दो डंडे मारे गए और क्लास में वापस बुलाकर 100 बार उठक-बैठक करने की सजा दी गई। फ़िलहाल समृद्धि का इलाज निजी अस्पताल में किया जा रहा है। उसके पिता मनोज गुप्ता अंबिकापुर में काम करते हैं, जबकि समृद्धि अपने बड़े पिता अनुराग गुप्ता के साथ प्रतापगढ़ के गुतुरमा गांव में रहकर पढ़ाई कर रही है। प्रशासन की प्रतिक्रिया बहरहाल, DEO दिनेश झा ने कहा, हमें इस मामले की कोई जानकारी नहीं मिली है और न ही कोई शिकायत मिली है। अगर शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी। सीतापुर BEO इंदु तिर्की ने कहा, हमें घटना की जानकारी मिली है। शिक्षा विभाग की टीम दो दिनों के भीतर मामले की जांच करेगी। अगर शिक्षिका दोषी पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इधर परिजनों ने इस अमानवीय व्यवहार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही विद्यालय प्रबंधन और शिक्षा विभाग से शिक्षिका के निलंबन की मांग की गई है। यह घटना छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संवेदनशीलता को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है।  बच्चों पर शारीरिक दंड पर सुप्रीम कोर्ट की राय भारत में बच्चों को शारीरिक दंड देना गैरकानूनी है। Right to Education Act, 2009 की धारा 17 के अनुसार, “किसी भी बच्चे को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।