Action Female Doctor : सरकारी महिला डॉक्टर निजी क्लिनिक में कर रही थी इलाज…मरीज बनकर पहुंचे सीनियर्स…उसके बाद जो हुआ देखें

Spread the love

हापुड़, 25 दिसंबर। Action Female Doctor : यूपी के हापुड़ में एक सरकारी महिला डॉक्टर प्राइवेट क्लिनिक में इलाज करते हुए पाई गईं। उनके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पहचान बदलकर महिला डॉक्टर के क्लिनिक पहुंच गए। जहां डॉक्टर ने उन्हें करीब 15 मिनट इलाज के लिए परामर्श दिया। इस दौरान अधिकारियों ने उनका वीडियो बना लिया। इस तरह महिला डॉक्टर रंगे हाथ पकड़ी गईं।

यह हैं पूरा मामला

दरअसल, हापुड़ के जिला चिकित्सालय में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रूपाली गुप्ता को डीएम प्रेरणा शर्मा द्वारा गठित टीम ने नोएडा में निजी प्रैक्टिस करते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। टीम के एक सदस्य डॉक्टर रूपाली के निजी क्लीनिक पर 600 रुपये जमा कराकर परामर्श ले रहे थे, जिसका टीम के दूसरे सदस्य ने वीडियो बना लिया और उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़ लिया।

मामले में सीएमओ सुनील त्यागी ने बताया कि जिला अस्पताल की डॉक्टर रूपाली गुप्ता के खिलाफ लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि वह मरीजों से ठीक व्यवहार नहीं करती हैं। इसके साथ ही सरकारी ड्यूटी पर भी ध्यान नहीं दे रही हैं। इतना ही नहीं वह अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम दिव्यांग बोर्ड व मुख्यमंत्री जी की वीआईपी ड्यूटी में महिला चिकित्सक मेडिकल संबंधी कार्य भी नहीं करती हैं।

साथ ही साथ संयुक्त चिकित्सालय हापुड़ में मेजर ऑपरेशन भी नहीं करने की शिकायतें मिल रही थीं। प्राइवेट प्रैक्टिस के भी आरोप लग रहे थे। ऐसे में डीएम ने जांच के लिए एक टीम गठित की। 

टीम बनाकर ऐसे पकड़ा गया 

इस पूरे मामले पर 22 दिसंबर को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह पूरा मामला रखा गया, जिसमें जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में 23 दिसंबर को एक टीम का गठन किया गया।

सीएमओ द्वारा डॉक्टर प्रवीण शर्मा अपर चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर वेद प्रकाश अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ बाल रोग विशेषज्ञ जिला संयुक्त चिकित्सालय हापुड़ की एक टीम गठित की गई। टीम शनिवार की शाम लगभग 6:30 बजे डॉक्टर रूपाली गुप्ता ऑर्थोपेडिक सर्जन जिला संयुक्त चिकित्सालय के नोएडा स्थित निजी क्लीनिक पर गई। 

जहां डॉक्टर रूपाली गुप्ता निजी क्लीनिक पर मौजूद थीं। बाहर रिसेप्शनिस्ट भी मौजूद थी। टीम के सदस्य 600 रुपये फीस जमा कर डॉक्टर को दिखाने क्लिनिक गए। अंदर डॉक्टर रूपाली इलाज के लिए परामर्श और दवाई आदि लिख रही थीं। उन्हें नहीं पता था कि सामने बैठे लोग उनके ही सीनियर अधिकारी हैं जो उन्हें रंगे हाथ पकड़ने आए हैं। 

सीएमओ के मुताबिक, डॉक्टर रूपाली के खिलाफ जिलाधिकारी व महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाएं लखनऊ को सूचना भेज दी गई है। अन्य कोई भी सरकारी चिकित्सक अगर निजी प्रैक्टिस करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई ( Action Female Doctor) की जाएगी।